नई दिल्ली। RBI ने 2000 के नोट को बंद करने की घोषणा के बाद ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच चुका है। बता दें, बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने इस लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है।
याचिका में कहा गया है कि 2000 के नोट बिना किसी जमापर्ची और पहचान प्रमाण के बैंक में जमा करना या एक्सचेंज करना मनमाना, तर्कहीन और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता हैं।
साथ ही इसमें RBI और SBI को निर्देश देने की मांग की है कि 2000 के नोट संबंधित बैंक खातों में ही जमा किए जाए, ताकि कोई भी अन्य बैंक खातों में पैसा जमा ना कर सके और काला धन और आय से अधिक संपत्ति रखने वाले लोगों की आसानी से पहचान हो सके। भ्रष्टाचार, बेनामी लेनदेन को खत्म करने और नागिरकों के मौलिक अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए केंद्र को काले धन और आय से अधिक संपत्ति धारकों के खिलाफ उचित कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की है।
बता दें, रिजर्व बैंक ने 2000 रुपए के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का ऐलान करते हुए बताया कि, इन्हें 23 मई से बैंकों में बदला जा सकता है। रिजर्व बैंक के अनुसार 31 मार्च 2018 को 2000 रुपए के नोटों का सर्कुलेशन 6.73 लाख करोड़ रुपए के बराबर था, जो 31 मार्च 2023 को कम होकर 3.62 लाख करोड़ रुपए पर आ चुका हैं। ये नोट सर्कुलेशन के सभी नोटों का महज 10 फीसदी हिस्सा है।
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