नई दिल्ली। नीति आयोग ने आज गरीबी रेखा पर राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2023 रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोदी सरकार ने पिछले 5 सालों में 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने में सफलता मिली है। रिपोर्ट में 2015-16 से लेकर 2019-21 के बीच गरीब लोगों […]
नई दिल्ली। नीति आयोग ने आज गरीबी रेखा पर राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2023 रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोदी सरकार ने पिछले 5 सालों में 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने में सफलता मिली है। रिपोर्ट में 2015-16 से लेकर 2019-21 के बीच गरीब लोगों की संख्या 24.85 फीसदी से घटकर 14.96 फीसदी रह गई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने बड़े स्तर पर सैनिटेशन, पोषण, रसोई गैस, वित्तीय समावेश, साफ पीने का पानी और बिजली पर अच्छा काम किया जिसके चलते गरीबी घटाने के मोर्चे पर सरकार को सफलता हासिल हुई है। इसके अलावा प्रधानमंत्री उज्जवला योजना ने लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव किया है। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना, पीएम जनधन योजना और समग्र शिक्षा के चलते भी देश में गरीबी कम हुई है।
रिपोर्ट में ग्रामीण इलाकों में गरीबों की संख्या में कमी आने का आंकड़ा दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों की संख्या 32.59 फीसदी से घटकर 19.28 फीसदी रह गई है। वहीं शहरी इलाकों में गरीब 8.65 फीसदी से घटकर 5.27 फीसदी रह गए हैं। वहीं राज्यों में उत्तर प्रदेश में गरीबों की संख्या सबसे कम हुई हैं। इस अवधि में उत्तर प्रदेश में 3.43 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। यूपी के बाद बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान में गरीबों की संख्या कम हुई हैं।