प्रगति यात्रा के दूसरे चरण में शनिवार को गोपालगंज पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया है. गोपालगंज समाहरणालय में विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम दो बार गलती से इधर से उधर हो गये, अब हमेशा साथ रहेंगे और बिहार के साथ-साथ देश का विकास करेंगे.
पटना: प्रगति यात्रा के दूसरे चरण में शनिवार को गोपालगंज पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया है. गोपालगंज समाहरणालय में विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम दो बार गलती से इधर से उधर हो गये, अब हमेशा साथ रहेंगे और बिहार के साथ-साथ देश का विकास करेंगे.
वहीं सीएम नीतीश कुमार के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चल रही अटकलों पर विराम लग गया है. सीएम ने कहा कि पहले हिंदू-मुसलमानों के बीच विवाद की खबरें आती थीं. जब बिहार की जनता ने हमें काम करने का मौका दिया तो बिहार की स्थिति बदल गयी. हर क्षेत्र में विकास कार्य किये जा रहे हैं. वहीं किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है. हम सब मिलकर बिहार को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं. सीएम ने कहा कि बिहार का कोई भी क्षेत्र विकास से अछूता नहीं है. हमने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और पुल-पुलिया का निर्माण बड़े पैमाने पर करने का काम किया है, जिससे पहले बिहार के किसी भी कोने से लोगों को पटना पहुंचने में छह घंटे लगते थे, अब वह पांच घंटे हो गये हैं. इसके लिए हर तरह का काम किया जा रहा है.
सीएम ने कहा कि हमने साल 2020 तक आठ लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी है. इसके बाद हमने 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य रखा था, जिसे बढ़ाकर 12 लाख कर दिया गया है. वहीं अब तक नौ लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी गयी है. इसके अलावा 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया. वहीं अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है. वर्ष 2025 में 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरियां और 34 लाख लोगों को रोजगार दिया जायेगा.
सीएम ने यह भी कहा कि उन्होंने सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है. मदरसों को सरकारी मान्यता दे दी गई है. हमने बिहार में जाति आधारित जनगणना करायी, जिसमें 94 लाख गरीब परिवारों की पहचान की गयी, जो हर जाति के हैं. ऐसे गरीब परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जा रही है ताकि वे अपनी आजीविका कमा सकें।
सीएम नीतीश कुमार ने गोपालगंज में करीब 140 करोड़ रुपये की लागत से 72 विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इनमें से 71.69 करोड़ रुपये की लागत से 61 योजनाओं का उद्घाटन किया गया, जबकि 67.33 करोड़ रुपये की लागत से 11 योजनाओं का शिलान्यास किया गया.
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