नीतीश कुमार को उनके चहेते रहे मुस्लिम समुदाय से बड़ा झटका मिला है। दरअसल मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने नीतीश कुमार द्वारा पटना में रखी गई इफ्तार पार्टी का बहिष्कार कर दिया है।
पटना। चुनावी साल में नीतीश कुमार को उनके चहेते रहे मुस्लिम समुदाय से बड़ा झटका मिला है। दरअसल मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने नीतीश कुमार द्वारा पटना में रखी गई इफ्तार पार्टी का बहिष्कार कर दिया है। इमारत-ए-शरिया के जनरल सेक्रेटरी मुफ्ती सईदुर्रहमान ने कह कि आज पटना में नीतीश कुमार की तरफ से दी गई इफ्तार पार्टी में मुस्लिम संगठन शामिल नहीं होंगे।
मुफ्ती सईदुर रहमान ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले और जेडीयू द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक को समर्थन दिए जाने के मद्देनजर हमने मुख्यमंत्री की इफ्तार पार्टी का बहिष्कार किया है। इफ्तार पार्टी का बहिष्कार करने वाले संगठनों में इमारत शरिया, जमात इस्लामी, जमात अहले हदीस, खानकाह मोजिबिया, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा-ए-हिंद और खानकाह रहमानी शामिल हैं।
इमारत शरिया ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे धर्मनिरपेक्ष शासन का वादा करके सत्ता में आए थे जिसमें अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी। लेकिन भाजपा के साथ आपका गठबंधन और एक ऐसे कानून का समर्थन जो असंवैधानिक और अतार्किक है, आपकी घोषित प्रतिबद्धताओं के खिलाफ है।” इस घटनाक्रम पर नीतीश कुमार या उनकी पार्टी की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
राजद ने सोशल मीडिया पर लिखा कि नीतीश के इफ्तार का बहिष्कार स्वागत योग्य है। वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन हालिया मामला है। यह वही नीतीश हैं जिन्होंने सीएए का भी समर्थन किया था। ट्रिपल तलाक पर भी वे भाजपा के साथ थे। उन्होंने मुसलमानों को जड़ से उखाड़ने वाले सभी काले कानूनों का समर्थन किया है। अब उन मुस्लिम नेताओं और बोर्ड में बैठे चेयरमैनों का भी बहिष्कार किया जाना चाहिए जो नीतीश की वफ़ादारी में मुस्लिम समुदाय को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। नीतीश कुमार कभी भी राजनीतिक भरोसे के लायक नहीं रहे हैं।