Patna News: जमीन के बदले नौकरी घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेज प्रताप यादव से लंबी पूछताछ की. इस हाई प्रोफाइल मामले में राबड़ी देवी से करीब चार घंटे तक सवाल-जवाब हुए. जबकि तेज प्रताप यादव से पांच घंटे तक पूछताछ चली. अब सबकी निगाहें 19 मार्च पर टिकी हैं. जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव से भी ईडी पूछताछ कर सकती है.
ईडी ने कुछ दिन पहले ही राबड़ी देवी और तेज प्रताप यादव को समन जारी किया था. मंगलवार को राबड़ी अपनी सांसद बेटी डॉ. मीसा भारती के साथ पटना के गांधी मैदान स्थित ईडी कार्यालय पहुंचीं. करीब एक घंटे बाद तेज प्रताप भी वहां पहुंचे. दोनों से अलग-अलग कमरों में पूछताछ की गई. खास बात यह है कि तेज प्रताप को इस मामले में पहली बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था. इस दौरान बाहर आरजेडी समर्थकों की भीड़ भी जमा रही.
सूत्रों के मुताबिक ईडी ने राबड़ी देवी से कई अहम सवाल किए. उनसे पूछा गया कि नौकरी के बदले जमीन उनके नाम कैसे दर्ज हुई. जिन लोगों को नौकरी दी गई क्या वे लालू परिवार से पहले से परिचित थे? राबड़ी से यह भी जानने की कोशिश की गई कि जमीन देने वालों से उनकी पहली मुलाकात कब हुई और क्या उन्होंने अपने पति लालू प्रसाद से इन लोगों के लिए रेलवे में नौकरी की पैरवी की थी. इसके अलावा तेजस्वी यादव के दिल्ली के फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित बंगले, पटना के सगुना मोड़ के अपार्टमेंट की जमीन और उसके निर्माण में लगे धन पर भी सवाल उठे. हालांकि राबड़ी ने ज्यादातर सवालों का जवाब ‘मुझे जानकारी नहीं’ कहकर टाल दिया.
तेज प्रताप से भी ईडी ने गहन पूछताछ की. उनसे पूछा गया कि उन्हें इस घोटाले की जानकारी पहली बार कब मिली. उनके पिता लालू प्रसाद और अन्य रिश्तेदारों की इसमें क्या भूमिका थी. इस पर भी सवाल दागे गए. ईडी ने यह समझने की कोशिश की कि तेज प्रताप इस मामले से कितने वाकिफ थे. पूछताछ के बाद दोनों नेता ईडी दफ्तर से बाहर निकले लेकिन मीडिया से कोई बात नहीं की.
इस मामले में अब अगला पड़ाव 19 मार्च को होने की संभावना है जब लालू प्रसाद यादव से पूछताछ हो सकती है. यह घोटाला 2004-2009 के बीच का है जब लालू रेल मंत्री थे. आरोप है कि इस दौरान रेलवे में नौकरियों के बदले जमीन ली गई थी. ईडी इस मामले में धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के पहलुओं की जांच कर रही है और लालू परिवार से जुड़े कई लोगों को पहले भी समन जारी कर चुकी है.
जमीन के बदले नौकरी घोटाला लालू प्रसाद के रेल मंत्री काल से जुड़ा है. आरोप है कि ग्रुप-डी की नौकरियों के लिए लोगों से जमीन ली गई जो बाद में लालू परिवार के नाम हुई. इसकी जांच सीबीआई और ईडी कर रही है. अब तक लालू, राबड़ी, तेजस्वी, मीसा भारती और हेमा यादव जैसे परिवार के सदस्यों के नाम इसमें सामने आ चुके हैं.
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