Bihar Murder: बिहार में अपराधियों का दुस्साहस चरम पर है. बीते 12 दिनों में राज्य में 15 हत्याएं हुईं. जिनमें लंदन से आए NRI से लेकर पटना की एक हॉस्पिटल डायरेक्टर तक शामिल हैं. इसके साथ ही पुलिस पर 13 बार हमले हुए. जिसमें दो ASI की जान चली गई और 20 पुलिसकर्मी घायल हुए. होली से पहले तनिष्क शोरूम में 10 करोड़ की लूट और उसके मास्टरमाइंड चुनमुन झा का पुलिस एनकाउंटर भी सुर्खियों में रहा. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि नीतीश सरकार के 20 साल के शासन में 60,000 हत्याएं और 25,000 बलात्कार हुए हैं.

ASI पर ग्रामीणों का हमला

12 मार्च की रात अररिया में फुलकाहा थाना पुलिस को कुख्यात अपराधी अनमोल यादव की सूचना मिली. वह एक शादी में शामिल होने आया था. ASI राजीव रंजन और 8 पुलिसकर्मियों की टीम ने उसे पकड़ लिया. लेकिन 25-30 ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर दिया. छीना-झपटी में ASI जमीन पर गिरे और अस्पताल पहुंचने पर उनकी मौत हो गई. अनमोल गांजा तस्करी में सक्रिय था और नेपाल से माल लाकर बेचता था. पुलिस ने 18 नामजद और 25 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया. जिसमें 7 को गिरफ्तार किया गया.

आरा में एक लॉटरी दुकान के लिए डबल मर्डर

16 मार्च को आरा में एक लॉटरी दुकान को लेकर हुए विवाद में दो लोगों की हत्या कर दी गई. यह घटना छोटे-मोटे विवादों के हिंसक रूप लेने का उदाहरण है. लॉटरी दुकान जैसे छोटे व्यवसाय को लेकर इतनी बड़ी हिंसा ने स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया.

नालंदा में करोड़पति युवक की हत्या

18 मार्च को दो अलग-अलग घटनाओं ने बिहार को झकझोर दिया. नालंदा में एक करोड़पति युवक की हत्या कर दी गई. बताया जाता है कि यह हत्या संपत्ति विवाद या पुरानी रंजिश का नतीजा हो सकती है. उसी दिन मुजफ्फरपुर में एक युवक को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला. मॉब लिंचिंग की यह घटना सामाजिक अराजकता का एक भयावह चेहरा दिखाती है. जहां लोग कानून को अपने हाथ में लेने से नहीं हिचक रहे.

लोहे की रॉड से ASI की बर्बर हत्या

14 मार्च की रात मुंगेर में ASI संतोष कुमार एक शराबी को पकड़ने गए. सूचना थी कि वह हंगामा और मारपीट कर रहा था. संतोष ने अपने ड्राइवर और एक सिपाही के साथ दोनों पक्षों को समझाया. लेकिन आरोपी ने पीछे से लोहे की रॉड से सिर पर हमला कर दिया. लगातार वार से उनकी मौत हो गई. घटनास्थल पर खून के धब्बे और दीवार पर हथियार के निशान अब भी मौजूद हैं. हमलावरों ने उन्हें 20 फीट तक घसीटा. जिससे उनकी हालत और बिगड़ गई.

गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के भोजी की हत्या

20 मार्च को मगधपुर में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के एक करीबी सहयोगी. जिन्हें ‘भोजी’ कहा जाता था. उनकी हत्या कर दी गई. यह हत्या राजनीतिक रंजिश से जुड़ी हो सकती है. क्योंकि नित्यानंद राय एक बड़े नेता हैं और उनके करीबी को निशाना बनाना एक बड़ा संदेश हो सकता है. इस घटना ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया.

सीवान, मुजफ्फरपुर, सुपौल, किशनगंज, औरंगाबाद, वैशाली में हत्याएं

21 मार्च को बिहार के अलग-अलग जिलों में एक साथ कई हत्याएं हुईं. सीवान में व्यवसायी की गोली मारकर हत्या, मुजफ्फरपुर में प्रॉपर्टी डीलर की हत्या, सुपौल में अंधी हत्या, किशनगंज में युवक की गोली मारकर हत्या, औरंगाबाद में भी एक युवक की हत्या, और वैशाली में NRI युवक की हत्या की खबरें सामने आईं. एक ही दिन में इतनी हत्याओं ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया. इनमें से कुछ हत्याएं पुरानी रंजिश से जुड़ी थीं. तो कुछ का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है.

लंदन से आए NRI की गोली मारकर हत्या

21 मार्च को वैशाली के राजापाकड़ थाना क्षेत्र में लंदन से होली मनाने आए NRI राहुल आनंद की हत्या कर दी गई. राहुल अपने भतीजे, बहन और दादी के साथ बाइक से जा रहे थे. रास्ते में ठंड लगने पर बाइक रोकी. तभी दो बदमाश आए. एक ने राहुल की भतीजी की कनपट्टी पर पिस्तौल सटाकर चेन छीनने की कोशिश की. विरोध करने पर बदमाश ने राहुल के पेट में गोली मार दी और फरार हो गए. भतीजे हर्ष ने बताया कि बदमाशों ने पहले रास्ता पूछा और फिर वारदात को अंजाम दिया.

छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पर ताबड़तोड़ फायरिंग

21 दिसंबर 2024 को दानापुर में श्राद्ध भोज से लौट रहे छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रंजीत कुमार उर्फ दही गोप और उनके सहयोगी विकास पर अपराधियों ने हमला किया. पेठिया बाजार में एक युवक ने उन्हें बुलाया और फिर 20 राउंड गोलियां चलाईं. दही गोप के सिर और पेट में 5 गोलियां लगीं. जबकि विकास को भी गोली मारी गई. दोनों 15 मिनट तक सड़क पर तड़पते रहे. अस्पताल में दोनों की मौत हो गई. पुलिस ने राहुल जनरेटर और शुभम चड्ढा को गिरफ्तार किया. लेकिन मुख्य शूटर सोनू फरार है.

पटना में हॉस्पिटल डायरेक्टर की गोली मारकर हत्या

इस सिलसिले की आखिरी घटना 22 मार्च को पटना में हुई. जहां एक हॉस्पिटल डायरेक्टर को गोली मारकर हत्या कर दी गई. यह हत्या राजधानी पटना में हुई. जो बिहार की कानून-व्यवस्था की बदहाली को दर्शाती है. हॉस्पिटल डायरेक्टर जैसे प्रभावशाली व्यक्ति की हत्या ने यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या बिहार में कोई भी सुरक्षित है?

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