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पटना के बेउर जेल में अनंत सिंह का भौकाल… छापेमारी के दौरान मिला मोबाइल और चार्जर, कैदियों में हड़कंप

पटना की बेउर जेल, जिसे देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक माना जाता है. उसमें रविवार को प्रशासन ने अचानक छापेमारी की. यह कार्रवाई सुपरिटेंडेंट नीरज कुमार झा के नेतृत्व में हुई. जिसने जेल के भीतर मौजूद कैदियों के बीच खलबली मचा दी.

Patna,beur jail
inkhbar News
  • April 6, 2025 5:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 days ago

Anant Singh Lodged In Beur Jail: पटना की बेउर जेल, जिसे देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक माना जाता है. उसमें रविवार को प्रशासन ने अचानक छापेमारी की. यह कार्रवाई सुपरिटेंडेंट नीरज कुमार झा के नेतृत्व में हुई. जिसने जेल के भीतर मौजूद कैदियों के बीच खलबली मचा दी. बिहार सरकार के आंकड़ों के अनुसार इस जेल में वर्तमान में लगभग 4600 कैदी बंद हैं. जिनमें बिहार के कई कुख्यात माफिया और गैंगस्टर शामिल हैं. इनमें मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह जिन्हें ‘छोटे सरकार’ के नाम से भी जाना जाता है वो भी शामिल हैं.

छापेमारी का मकसद

प्रशासन ने इस छापेमारी को जेल के भीतर अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने के उद्देश्य से अंजाम दिया. जानकारी के मुताबिक सुपरिटेंडेंट नीरज कुमार झा की अगुवाई में टीम ने सुबह से ही जेल के विभिन्न वार्डों में तलाशी शुरू की. कई कैदियों के वार्डों को बारीकी से खंगाला गया. इस दौरान जेल प्रशासन ने संदिग्ध वस्तुओं की मौजूदगी की आशंका के आधार पर गहन जांच की. जिसके कई आपत्तिजनक चीजें बरामद हुईं.

मोबाइल और चार्जर मिले

छापेमारी के दौरान प्रशासन के हाथ मोबाइल फोन और चार्जर जैसे प्रतिबंधित सामान लगे. ये वस्तुएं जेल के सख्त नियमों का उल्लंघन करती हैं क्योंकि कैदियों के पास ऐसी चीजों का होना प्रतिबंध है. बरामदगी से यह सवाल फिर उठ खड़ा हुआ कि आखिर इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद ये सामान जेल के भीतर कैसे पहुंच रहे हैं. इस घटना ने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा कर दिया हैं.

अनंत सिंह और जेल का माहौल

बेउर जेल में बंद अनंत सिंह जैसे बड़े नाम इस कार्रवाई के दौरान चर्चा में रहे. अनंत सिंह जो अपने आपराधिक इतिहास और राजनीतिक प्रभाव के लिए जाने जाते हैं. इस जेल में कई सालों से बंद हैं. छापेमारी की खबर फैलते ही कैदियों में हड़कंप मच गया. सूत्रों के अनुसार कई कैदी इस अचानक कार्रवाई से हैरान थे और अपने वार्डों में छिपाई गई चीजों को लेकर चिंतित दिखे. प्रशासन ने इस छापेमारी को गोपनीय रखा था जिससे कैदियों को संभलने का मौका नहीं मिला.

जेल प्रशासन ने क्या कहा?

सुपरिटेंडेंट नीरज कुमार झा ने छापेमारी के बाद कहा ‘हमारी कोशिश जेल के भीतर अनुशासन बनाए रखने और अवैध गतिविधियों को रोकने की है. बरामद सामानों की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.’ बिहार सरकार ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है और जेल में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के संकेत दिए हैं.

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