चुनावी चौराहा: किशनगंज में महागठबंधन के असर को खत्म करेंगे ओवैसी ?

बिहार चुनाव के मद्देनजर इंडिया न्यूज़ के खास शो ‘चुनावी चौराहा’ की टीम किशनगंज पहुंची. किशनगंज चाय बागान और अनानास की खेती के लिए मशहूर अल्पसंख्यक बहुल जिला है.

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चुनावी चौराहा: किशनगंज में महागठबंधन के असर को खत्म करेंगे ओवैसी ?

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  • October 19, 2015 1:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

किशनगंज. बिहार चुनाव के मद्देनजर इंडिया न्यूज़ के खास शो ‘चुनावी चौराहा’ की टीम किशनगंज पहुंची. किशनगंज चाय बागान और अनानास की खेती के लिए मशहूर अल्पसंख्यक बहुल जिला है.

किशनगंज की सियासत

किशनगंज विधानसभा सीट पर 2010 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के डॉ. मोहम्मद जावेद ने जीत हासिल की थी. उन्होंने बीजेपी की स्वीटी सिंह को हराया था. इस बार के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने कांग्रेस के डॉ. मोहम्मद जावेद को ही चुनाव मैदान में उतारा है वहीं एनडीए से बीजेपी की स्वीटी सिंह को ही मौका दिया गया है. 2005 के चुनाव में इस सीट पर आरजेडी ने कब्जा किया था. इस बार के चुनाव में एमआईएम ने भी अपना उम्मीदवार उतारकर इस सीट पर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में करीब 2 लाख 45 हजार मतदाता हैं.

किशनगंज की समस्याएं

किशनगंज बिहार का एक मात्र अल्पसंख्यक बहुल जिला है. यहां 62 फीसदी मुस्लिम आबादी है. ये बिहार का सबसे पूर्वी जिला है. रोजगार की कमी से नौजवान लगातार पलायन को मजबूर हैं. जनता शिक्षा, बिजली और सड़क की बदतर हालत से अलग परेशान है.

 

 

 

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