पटना. बिहार की राजनीति में अगर प्रथम परिवार की बात की जाए तो वह निसंदेह लालू जी का परिवार होगा। इस बार बिहार विधानसभा चुनावों में लालू यादव की दूसरी पीढ़ी चुनावी मैंदान में उत्तर रही है. लोकसभा चुनावों में उनकी बेटी मीसा भारती ने किस्मत आजमाई थी और विधानसभा चुनावों में उनके दो बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव मैंदान में हैं. ऐसे में लालू के परिवार की चुनावों में क्या-क्या संभावनाएं हैं, क्या भविष्य होगा?
मीसा भारती का वंशवाद के आरोप में कहना है कि लालू के परिवार से संबंधित होने पर राजनीति में फायदा तो मिलता है. पहली सीढ़ी आसान होती है लेकिन सीढ़ी पर आगे चढ़ना कठिन होता है. अंतता आपको जनता के बीच ही जाना पड़ेगा. राजनीतिक परिवार से होने पर आपको जल्दी एक पहचान मिलती है.
राघोपुर में BJP का कोई आधार नहीं: तेजस्वी
तेजस्वी यादव इस बार राघोपुर से चुनावी मैंदान में उतरे हैं. पिछली बार चुनावों में राबड़ी देवी यहां से चुनाव हार गईं थी. यादव बाहुल्य क्षेत्र होने के बाद भी राबड़ी देवी हार गईं. तेजस्वी का कहना है राघोपुर हमेशा से ही आरजेडी का परम्परागत क्षेत्र रहा है. इस बार राघोपुर से हमारी ही जीत होगी। नीतीश कुमार इस बार हमारे साथ हैं. जहां तक बीजेपी की जीतने की बात है, तो यहां कभी बीजेपी का नामोनिशान नहीं रहा है. महागठबंधन बनने के बाद बिहार में कोई लड़ाई नहीं बची है.
बीजेपी ने लोगों को ठगने का काम किया है: तेजस्वी
बिहार में बीजेपी ने लोगों को बस ठगने का काम किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि वे युवाओं को रोजगार देंगे लेकिन उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया.
बिहार में कभी जंगलराज था ही नहीं: मीसा
बिहार में कभी जंगलराज नहीं था. ये एक हाईकोर्ट की टिप्पड़ी थी जिसका विपक्षी दलों ने गलत इस्तेमाल किया है. 1990 से 2005 तक के आंकड़ें भी यही कहते हैं कि बिहार क्राइम में पहले स्थान पर नहीं था.
देखिए ‘किस्सा कुर्सी का’ में मीसा भारती और तेजस्वी यादव का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू