बिहार पर्व: नवादा की सियासत और यहां की विरासत

नवादा. नवादा दो वजहों से खेती के लिहाज से जाना जाता था. एक धान और एक गन्ने की खेती. गन्ने  से नवादा में एक मिल जुड़ी हुई थी जिसका नाम था वासनेगंज की चीनी मिल.  लेकिन लंबे समय से वासरेगंज की चीनी मिल बंद पड़ी है. नेताओं की तरफ से भी हर चुनाव में वायदे […]

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बिहार पर्व: नवादा की सियासत और यहां की विरासत

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  • September 28, 2015 11:31 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नवादा. नवादा दो वजहों से खेती के लिहाज से जाना जाता था. एक धान और एक गन्ने की खेती. गन्ने  से नवादा में एक मिल जुड़ी हुई थी जिसका नाम था वासनेगंज की चीनी मिल.  लेकिन लंबे समय से वासरेगंज की चीनी मिल बंद पड़ी है. नेताओं की तरफ से भी हर चुनाव में वायदे किए जाते है कि इस बार मिल खुल जाएगी. लेकिन आज तक जनता ने सिर्फ वोट दिया है लेकिन चीनी मिल नहीं खुली. अब हालात ये है कि गन्ने की खेती जो किसानों की आमदनी का एक जरिया हुआ करती थी अब चौपट हो चुकी है. अब पूरे नवादा में कहीं भी गन्ने की खेती नहीं होती. वहीं धान की खेती भी अब बरसात पर निर्भर है. 
 
नवादा की लोकसभा सीट से बीजेपी के गिरिराज सिंह सांसद हैं.  नवादा जिले में विधानसभा की पांच सीटें हैं. 2010 के चुनावों में जिले की पांचो सीटें एनडीए के खाते में गई थी. जिसमें  बीजेपी को 2 और जेडीयू को तीन सीट मिली थी. 

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