पिछले 25 साल से चले आ रहे लालू-नीतीश शासन को समाप्त करने के प्रयास में बीजेपी नीत राजग गुरुवार से प्रदेश में बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान शुरू करेगा जिसके तहत पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पटना से 160 ‘परिवर्तन रथों’ को रवाना करेंगे. वैसे इन 25 सालों में कुछ दिन बीजेपी के सहयोग से भी नीतीश सरकार चली है.
नई दिल्ली. पिछले 25 साल से चले आ रहे लालू-नीतीश शासन को समाप्त करने के प्रयास में बीजेपी नीत राजग गुरुवार से प्रदेश में बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान शुरू करेगा जिसके तहत पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पटना से 160 ‘परिवर्तन रथों’ को रवाना करेंगे. वैसे इन 25 सालों में कुछ दिन बीजेपी के सहयोग से भी नीतीश सरकार चली है.
बीजेपी के महासचिव और बिहार मामलों के प्रभारी भूपेन्द्र यादव ने बताया कि ये रथ हर दिन 10 गांव जाएंगे और पार्टी की ऑडियो और वीडियो प्रचार सामग्रियों से जनता तक अपनी बात पंहुचाएंगे. सितंबर-अक्तूबर में होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की तीस हजार सार्वजनिक सभाएं करने की योजना है.
इस प्रचार अभियान में पार्टी राज्य में बने 80 लाख नए सदस्यों को भी लगाएगी. पार्टी के सचिव श्रीकांत शर्मा ने बताया कि एनडीए का प्रचार अभियान ‘‘गरीब समर्थक नरेन्द्र मोदी सरकार की मुहिम और भाजपा से नाता तोड़ने के बाद नीतीश सरकार के कुशासन’’ के दोहरे संदेश पर आधारित होगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी जनता के सामने इस बात को रखेगी कि जदयू-राजद और उनसे हाथ मिलाने वाली कांग्रेस को वोट देना लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के तहत चले 15 साल के कथित ‘जंगल राज’ की वापसी का खतरा मोल लेना होगा.
शर्मा ने बताया कि पार्टी भ्रष्टाचार के मामले में लालू को सजा होने और कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के समय हुए घोटालों को भी मुद्दे बनाएगी. बीजेपी इस बात को भी मतदाताओं के सामने रखेगी कि भाजपा से नाता तोड़ने के बाद कथित तौर पर नीतीश के शासन में राज्य की विकास दर और प्रदेश की कानून व्यवस्था कैसे चरमरा गई.
पार्टी का मनोबल हाल में हुए बिहार विधान परिषद के चुनाव में मिली सफलता से काफी बढ़ा है. वैसे बीजेपी ने फैसला किया है कि वह चुनाव से पहले किसी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं करेगी और मोदी के आकर्षण का सहारा लेगी.
एजेंसी इनपुट भी