भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता और विलेन विजय खरे का आज, 15 दिसंबर को सुबह 4 बजे बेंगलुरु के कावेरी अस्पताल में निधन हो गया। विजय खरे की तबीयत पिछले कुछ महीनों से खराब चल रही थी। किडनी संबंधी समस्याओं के चलते उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी। अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
पटना: भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता और विलेन विजय खरे का आज, 15 दिसंबर को सुबह 4 बजे बेंगलुरु के कावेरी अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे समय से किडनी की समस्या से जूझ रहे थे और उनका इलाज चल रहा था। मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले विजय खरे को भोजपुरी सिनेमा में उनके गब्बर सिंह जैसे यादगार किरदारों के लिए जाना जाता है। उनके निधन से भोजपुरी इंडस्ट्री शॉक में है.
विजय खरे की तबीयत पिछले कुछ महीनों से खराब चल रही थी। किडनी संबंधी समस्याओं के चलते उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी। अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। बता दें विजय खरे ने अपने अभिनय करियर में 200 से अधिक भोजपुरी फिल्मों में काम किया। उनके दमदार विलेन किरदारों ने दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी। उनकी सुपरहिट फिल्मों में गंगा किनारे मोरा गांव (1983), रईसजादा (1976) और हमरा से बियाह करबा (2003) शामिल हैं। उनकी अदाकारी ने उन्हें भोजपुरी सिनेमा का एक मजबूत स्तंभ बना दिया था।
भोजपुरी सिनेमा में उनके अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें 2019 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था। विजय खरे का नाम रवि किशन, निरहुआ और मनोज तिवारी जैसे बड़े भोजपुरी सितारों के साथ जुड़ता है। इसके साथ ही मुंबई में विजय खरे ने अपनी विजय खरे अकादमी के जरिए कई उभरते कलाकारों को प्रशिक्षित किया। उन्होंने न सिर्फ भोजपुरी सिनेमा बल्कि अन्य भाषाओं की फिल्मों में भी अपने अभिनय का जलवा बिखेरा।
विजय खरे का अंतिम संस्कार 16 दिसंबर को बेंगलुरु में दोपहर 2 बजे किया जाएगा। उनके निधन से इंडस्ट्री में एक बड़ी क्षति हुई है, जिसे लंबे समय तक भुलाया नहीं जा सकेगा।
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