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भोजीवुड : रानी चटर्जी ही नहीं ये अभिनेता भी कर चुके है इंडस्ट्री की बुराई

नई दिल्ली, अब एक बार फिर भोजपुरी इंडस्ट्री कि पोल खोल हो रही है. जहां इस बार भोजीवुड की रानी कहे जाने वाली रानी चटर्जी ने भोजपुरी सिनेमा पर अपना बड़ा बयान दिया है. रानी चटर्जी से पहले भी एक नामी अभिनेता इस इंडस्ट्री पर निशाना साध चुके हैं. पिछले कुछ समय से भोजपुरी इंडस्ट्री […]

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भोजीवुड : रानी चटर्जी ही नहीं ये अभिनेता भी कर चुके है इंडस्ट्री की बुराई
  • June 1, 2022 9:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली, अब एक बार फिर भोजपुरी इंडस्ट्री कि पोल खोल हो रही है. जहां इस बार भोजीवुड की रानी कहे जाने वाली रानी चटर्जी ने भोजपुरी सिनेमा पर अपना बड़ा बयान दिया है. रानी चटर्जी से पहले भी एक नामी अभिनेता इस इंडस्ट्री पर निशाना साध चुके हैं.

पिछले कुछ समय से भोजपुरी इंडस्ट्री को लेकर लगातार एक्ट्रेसेस और अभिनेता निशाना साध रहे हैं. जहां इंडस्ट्री कितनी अच्छी है से अलग इस बार सिनेमा की खामियों को भी सामने रखा जा रहा है. इस बार भोजीवुड को अपने निशाने पर रखा है रानी चटर्जी ने जिनका एक पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इसमें वह भोजपुरी इंडस्ट्री के भेद खोल रही हैं.

मनोज तिवारी ने जताई चिंता

पिछले दिनों मनोज तिवारी ने पहले भोजपुरी ओटीटी प्लेटफॉर्म चौपाल की लॉन्चिंग पर भी इस बात का ज़िक्र किया था कि अब भोजीवुड किस तरह से बदल गया है. मनोज तिवारी ने भी भोजपुरी इंडस्ट्री की अश्लीलता पर चिंता जताई थी. उनका कहना था कि आज भोजपुरी का रूख पूरी तरह बदल गया है जिससे प्रदेश की छवि भी खराब हुई है वह इसे संवारने की कोशिश करेंगे. बता दें, इस समय भोजपुरी इंडस्ट्री में काफी उथल-पुथल का माहौल है. जहां इंडस्ट्री के बड़े कलाकार आपस में भीड़ रहे हैं. वहीं इस इंडस्ट्री पर आरोप है कि यह अश्लीलता के साथ आगे बढ़ रही है.

क्या बोलीं रानी चटर्जी?

दरअसल रानी चटर्जी ने हाल ही में जो पोस्ट साझा की है इसमें उन्होंने भोजपुरी इंडस्ट्री के आज के और पुराने दौर की तुलना की है. जहां अभिनेत्री ने पुराने दौर को सुनहरा बताया है. उन्होंने उस समय का ज़िक्र किया है जब साल था 2005 का और फिल्म थी बकलोल दुल्हा जिसमें अभिनेत्री पंकज केसरी के साथ फीचर की गई थीं. उनकी यह पोस्ट इसी फिल्म का एक गाना है जिसे साझा करते हुए वह लिखती हैं, ‘यह वो समय था जब टैलेंटेड लोगों को इंडस्ट्री में काम दिया जाता था. फिल्मों के गाने खूबसूरत बनाए जाते थे. हमने मेहनत तो की भोजपुरी फिल्मों को सिनेमा हॉल से यूट्यूब पर लाने की लेकिन यह दौर अब नहीं आयेगा, क्योंकि अब काम को नहीं चमचा गिरी को ज्यादा महत्व मिलती है.’

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