भगवान परशुराम विष्णु के छठवें अवतार हैं. ये चिरंजीवी होने से कल्पांत तक स्थायी हैं. इनका जन्म समय सतयुग और त्रेता का संधिकाल माना जाता है.
नई दिल्ली. श्रीमद्भागवत पुराण हिन्दू समाज का सर्वाधिक आदरणीय पुराण है. यह वैष्णव सम्प्रदाय का प्रमुख ग्रन्थ है. इस ग्रन्थ में वेदों, उपनिषदों तथा दर्शन शास्त्र के गूढ़ एवं रहस्यमय विषयों को अत्यन्त सरलता के साथ निरूपित किया गया है. इंडिया न्यूज के टीवी भारत पर्व में आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा बताते हैं कि […]
भगवान के अवतारों के बारे में जाने के लिए अक्सर लोगों में जिज्ञासा देखी जाती है और यह तो और भी रुचि का मुद्दा है कि देवों के देव भगवान शिव ने कितने अवतार लिए हैं ?
किसी भी घर के निर्माण से पहले वास्तुदेव की पूजा आवश्यक होती है. घर को वास्तु के अनुसार रखने से घर में आंतरिक खुशी और समृध्दि आती है.हमारे विद्वान् ऋषि-मुनियों के अनुसार वास्तुअनुरूप भवन के निर्माण करने से कई लाभ है
जीवन जितना प्यारा होता है, मृत्यु भी उतना ही आवश्यक है. जीवन-मृत्यु का यह सफर चलता ही रहता है लेकिन मृत्यु का राज आजतक किसी को समझ में नहीं आया.
नई दिल्ली. जीवन जीने के लिए हमें ज्ञान की जरूरत पड़ती है. समाज में जितने भी दोष बढ़ रहे हैं वह ज्ञान की कमी के कारण है. इंडिया न्यूज शो भारत पर्व में आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा बताते हैं कि सप्ताह के प्रत्येक दिन सूर्य के प्रभाव से प्रभावित होते हैं. व्यक्ति के जीवन […]
सिद्दि का आधार शक्ति माना गया है. संसार का कोई भी उद्योग, कोई भी पुरूषार्थ और कोई भी कार्य शक्ति के बिना नहीं किया जा सकता.कोई बड़ा ही नहीं, एक साधारण कार्य में भी शक्ति की आवश्यकता पड़ती है.
सपना का एक संसार होता है जहां कभी-कभी हमारा अचेत मन हमें लेकर चला जाता है. सपनों के संसार की भाषा सांकेतिक होती है. इसलिए प्राचीन काल में राजे-महाराजे अपने दरबार में पंडित और स्वप्न विशेषज्ञों को रखते थे जो सपनों के सांकेतिक भाषा का अर्थ बताते थे.
ग्रहों में सबसे अधिक गति से चलने वाला चंद्रमा मन का प्रतिनिधित्व करता है. चन्द्र को काल पुरुष का मन कहा गया है. चन्द्र माता, मन ,मस्तिष्क ,बुद्धिमता ,स्वभाव ,जननेन्द्रियों ,प्रजनन सम्बन्धी रोगों, गर्भाशय इत्यादि का कारक है.
आमतौर पर किसी भी साधु, ऋषि, मुनि या मंदिर के पंडित को केसरी वस्त्र में ही देखा जाता है. यह रंग हिन्दू धर्म को दर्शाता है. हिन्दू मान्यताओं के आधार पर केसरी रंग अग्नि का प्रतीक है. यह उस अग्नि को दर्शाता है जो हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले भगवान का नाम लेते हुए जलाई जाती है.