राजस्थान के चुरू जिले का सालासर बालाजी का धाम, जहां स्थापित होने की इच्छा स्वयं बजरंगबली ने प्रकट की थी. तब करीब ढाई सौ साल पहले बालाजी के परम भक्त बाबा मोहनदास ने यहां बालाजी की स्थापना की.
तनोट माता मंदिर भी भारत-पाक 1965-1971 के युद्धों के बाद विख्यात हो गया. माता के चमत्कार के चलते पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा फैंके गए बम फटे नहीं और भारतीय सेना को तनोट में ही जीवित पड़े मिले.
कार्तिकेय भगवान एक लोकप्रिय हिन्दू देव हैं और इनके अधिकतर भक्त तमिल हिन्दू हैं. भगवान शिव-पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की पूजा मुख्यत: भारत के दक्षिणी राज्यों और विशेषकर तमिलनाडु में की जाती है इसके अतिरिक्त विश्व में जहाँ कहीं भी तमिल निवासी/प्रवासी रहते हैं.
हिंदुओं के लिए कैलाश मानसरोवर का मतलब भगवान का साक्षात दर्शन करना है. कैलाश मानसरोवर को ब्रह्मांड का केंद्र माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि पहाड़ों की चोटी वास्तव में सोने के बने कमल के फूल की पंखुड़ियां हैं जिन्हें भगवान विष्णु ने सृष्टि की संरचना में सबसे पहले बनाया था. इन पंखुड़ियों के शिखरों में से एक है कैलाश पर्वत.
महाभारत में कौरवो ने पांडवो को बंदी बनाने के लिए चक्रव्यूह की रचना की थी जिसमे अभिमन्यु का बर्बरता से वध कर दिया गया था. आज हम आपको जमीनी युद्धों में इस्तेमाल होने वाले इन्ही युद्धों के बारे में थोड़ा बहुत बताने की कोशिश करेंगे
परमेश्वर शिव त्रिकाल दृष्टा, त्रिनेत्र, आशुतोष, अवढरदानी, जगतपिता आदि अनेक नामों से जानें जाते हैं. महाप्रलय के समय शिव ही अपने तीसरे नेत्र से सृष्टि का संहार करते हैं परंतु जगतपिता होकर भी शिव परम सरल व शीघ्रता से प्रसन्न होने वाले हैं.
महाराष्ट्र के अहमदनगर में शनि शिंगणापुर में महिलाओं का शनि देव की पूजा करने को लेकर बहस का मुद्दा बना हुआ है. देश में सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या महिलाओं को शनि देव की पूजा करनी चाहिए या नहीं?
हमारे शरीर का सबसे प्रभावित करता है बीपी लेकिन आज कल के प्रदूषण भरे वातावरण में खुद को सुरक्षित रखना मुश्किल हो गया है. यही नहीं देखा जाता है यह आजकल एक सामान्य सी बात है.
रावण रामायण का एक केंद्रीय प्रतिचरित्र है. रावण लंका का राजा था. वह अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था, जिसके कारण उसका नाम दशानन (दश = दस + आनन = मुख) भी था
शालीग्राम भगवान विष्णु का ही नाम है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, एक बार देवताओं और दानवों का युद्ध हुआ. देवताओं के राजा इंद्र और दानवों के राजा शंखचूड़ अपनी सेना के साथ लड़ रहे थे.