होली का रंगों का त्यौहार है. भेदभाव मिटाकर सतरंगी रंगों में भीगने का त्यौहार है. भारत के ज्यादातर हिस्सों में यह पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन उत्तरप्रदेश के बरसाने में इस पर्व को अलग ही अंदाज में मनाया जाता है.
ध्यान व अराधना करते समय हाथों की मुद्राएं बहुत महत्वपूर्ण होती हैं. भगवान बुध्द हो या गुरुनानक, स्वामी विवेकानंद हो या महावीर हर कोई अराधना व ध्यान करते समय हाथों को अलग ही मुद्रा में रखते थे.
दुनिया के विकास में जितना योगदान पुरुषों का है उतना ही महिलाओं का भी है. महिलाओं ने हर कदम पर स्वयं को सशक्त बनाया है. लाखों मुश्किलों के बाद भी संसार में अपनी अलग पहचान बनाई है.
महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है. यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है. ऎसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की शादी हुई थी. जिस कारण महाशिवरात्रि का धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा माना जाता है.
भूख व भोजन अच्छे स्वास्थ्य के लिए यह आवश्यक है कि उचित भूख लगने पर ही भोजन किया जाए. ऐसे लोगों को यह सुझाव दिया जाता है कि हर दो तीन घण्टें में कुछ न कुछ खाते रहें अन्यथा बहुत दुर्बलता अथवा अम्लता (Acidity) बनने लगती है और हेल्थ खराब हो जाता है.
पूजा करते हुए देवी-देवताओं को जल चढ़ाने का रस्म होता है. भगवान को जल से अभिषेक करने के साथ दूध, दही, मधु, घी, फल का रस, ईख के रस आदि से की जाती है.
पौराणिक कथाओं और भारतीय संस्कृति में गरुड़ का बहुत महत्व है. कहा जाता है कि गरुड़ खुशियों का सूचक होता है. स्वपन में गरुड़ देखना शुभ संकेत होता है.
भारतीय संस्कृति काफी पुरानी संस्कृति है. यहां प्राचीन काल से ही मंदिर जाने की परम्परा रही है. भारतीय संस्कृति में मंदिरों का सिद्धांत ज्ञान व साधना के केंद्र के रूप में रहा है. पुराने जमाने में लोग मन की शांति के लिए मंदिर जाते थे. प्राचीन काल में मंदिर रोगों को ठीक करने के लिए थे, संस्कृति सिखाने के लिए थे, मनोविकारों को ठीक करने के लिए थे.
दीप प्रकाश का द्योतक है, तो प्रकाश ज्ञान का. परमात्मा से हमें संपूर्ण ज्ञान मिले इसीलिए दीप प्रज्वलन करने की परंपरा है. कोई भी पूजा हो या किसी समारोह का शुभारंभ. समस्त शुभ कार्यों का आरंभ दीप प्रज्वलन से होता है.
सूर्य को जगतपिता माना है, इसी की शक्ति से समस्त ग्रह चलायमान है, यह आत्मा कारक और पितृ कारक है, पुत्र राज्य सम्मान पद भाई शक्ति दायीं आंख चिकित्सा पितरों की आत्मा शिव और राजनीति का कारक है.