राम (रामचन्द्र), प्राचीन भारत में अवतरित, भगवान थे. हिन्दू धर्म में, राम, विष्णु के 10 अवतारों में से सातवें हैं. राम का जीवनकाल एवं पराक्रम, महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित, संस्कृत महाकाव्य रामायण के रूप में लिखा गया है. उन पर तुलसीदास ने भी भक्ति काव्य श्री रामचरितमानस रचा था. खास तौर पर उत्तर भारत में राम बहुत अधिक पूजनीय माने जाते हैं. रामचन्द्र हिन्दुत्ववादियों के भी आदर्श पुरुष हैं.
भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है. रूद्र के अक्ष अर्थात् रूद्र की आंख से निकले अश्रु बिंदु को रुद्राक्ष कहा गया है. आपने साधु-संतों को रुद्राक्ष की माला पहने या रुद्राक्ष की माला से जप करते हुए देखा होगा. ज्योतिष विज्ञान के अनेक जानकार भी समस्या के निवारण के लिए रुद्राक्ष पहनाते हैं.
भगवान गणेश शिवजी और पार्वती के छोटे पुत्र हैं और उनका वाहन मूषक है. गणों के स्वामी होने के कारण उनका एक नाम गणपति भी है. हिंदू परंपराओं के मुताबिक किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है.
योगिनी शब्द से हम में से अधिकाश भय ग्रस्त से हो जाते हैं. मां योगिनी मंदिर झारखंड में गोड्डा जिले के पथरगामा प्रखंड में स्थित है. यह जिला मुख्यालय से मात्र 15 किलोमीटर दूर बारकोपा में स्थित है.
तेलंगाना के खम्मम जिले में एक मंदिर ऐसा विद्यमान है, जो प्रमाण है हनुमानजी के विवाह का. इस मंदिर में हनुमानजी की प्रतिमा के साथ उनकी पत्नी की प्रतिमा भी विराजमान है.
विश्वामित्र जी उन्हीं गाधि के पुत्र थे. वे अपने समय के वीर और ख्यातिप्राप्त राजाओं में गिने जाते थे. शाप के कारण त्रिशंकु चाण्डाल बन गये तथा उनके मन्त्री तथा दरबारी उनका साथ छोड़कर चले गये. फिर भी उन्होंने सशरीर स्वर्ग जाने की इच्छा का परित्याग नहीं किया. वे विश्वामित्र के पास जाकर बोले अपनी इच्छा को पूर्ण करने का अनुरोध किया.
नई दिल्ली. भगवान हनुमान जब माता सीता की खोज में लंका गए थे. तब उन्हें रास्ते में एक विमान दिखा था. विमान काफी विशाल था. रावण ने कुबेर को पराजित करने के बाद उनसे भगवान विश्वकर्मा द्वारा बनाए पुष्पक विमान को छीनकर उसपर अधिकार कर लिया. यह विमान बिना ईंधन के चालक की इच्छा के […]
राजधानी दिल्ली के दक्षिण में स्थित कालकाजी मंदिर देश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. यह मां काली का मंदिर है और देशभर से लोग यहां दर्शन करने के लिए आते हैं.
नई दिल्ली. नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में है. यह शिवालिक पर्वत श्रेणी की पहाड़ियों पर स्थित एक भव्य मंदिर है. कहा जाता है कि यहां माता सती के नयन गिरे थे. इसके फलस्वरूप ही इस शक्तिपीठ का नाम नयनादेवी पड़ा. नयनादेवी शक्तिपीठ के बारे में विस्तार से बताएंगे फैमिली गुरु पवन […]
प्राचीन तंत्र ग्रंथों में दस महाविद्याओं का उल्लेख मिलता है. उनमें से एक है बगलामुखी. मां भगवती बगलामुखी का महत्व समस्त देवियों में सबसे विशिष्ट है. विश्व में इनके सिर्फ तीन ही महत्वपूर्ण प्राचीन मंदिर है, जिन्हें सिद्धपीठ पीठ कहा जाता है.