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भारत पर्व

क्वांटम सिध्दांत भी सिध्दि को सही मानता है

20 May 2016 10:51 AM IST

क्ववांटम फिजिक्स यह सिध्दि का ही एक पार्ट होता है इसके द्वारा भी हम शरीर व मन की सूक्ष्म अवस्था प्राप्त करने की प्रक्रिया को समक्ष सकते हैं.

कृष्ण की कथाओं, इतिहास का प्रदर्शन करते हैं मंदिर

18 May 2016 09:49 AM IST

भगवान विष्णु के अवतारों में से भगवान कृष्ण सबसे ज्यादा पूजनीय अवतार हैं. पूरे विश्व में श्रीकृष्ण के भक्त हैं और उनके मंदिर भी मौजूद हैं, जहां उनके कई रूपों की पूजा की जाती है.

सास-बहू का झगड़ा खत्म करने का महामंत्र

17 May 2016 17:40 PM IST

सास और बहू का झगड़ा आज हर घर में आम बात हो गई है. आज के दौर में ऐसा घर बड़ी मुश्किल से मिलेगा जहां पर सास बहू का झगड़ा न हो. कई बार ये झगड़ा इतना बढ़ जाता है कि सास का वशीकरण करने के लिए वशीकरण के क्षेत्र में एक मंत्र प्रचलित है

रावण राक्षस है तो उसे पंडित क्यों माना जाता है?

16 May 2016 13:01 PM IST

रावण के दस शीश छ: शास्त्रो और चार वेदों के प्रतिक थे इसलिए रावण को प्रकांड पंडित की उपाधि दी थी.

सिंहस्थ कुंभ में स्नान का शास्त्रीय तरीका

15 May 2016 04:31 AM IST

कुंभ मेले का ज्योतिष शास्त्र से विशेष संबंध है. इस आयोजन में होने वाले खास स्नान तिथियों और ग्रह-नक्षत्रों के विशेष संयोग से ही होते हैं.

तेरह अखाड़े हैं सिंहस्थ की प्रमुख पहचान

13 May 2016 17:44 PM IST

उज्जैन सिंहस्थ कुम्भ 2016 अपने आप में अनोखा है. साधु-संतों व उनके अखाड़ों की भी अपनी-अपनी विशिष्ट परंपराएं व रीति-रिवाज होते हैं.'उज्जयिनी' नामकरण के पीछे भी इस प्रकार की पौराणिक गाथा जुड़ी है.

पूजा में क्यों जरूरी है नारियल व तिल का प्रयोग?

11 May 2016 17:57 PM IST

किसी भी प्रकार की पूजा-पाठ में हम नारियल और तिल का अक्सर इस्तेमाल करते हैं, लेकिन आखिर दोनों सामग्रियों का इस्तेमाल पूजा में क्यों होता है? आज हम आपको बताएंगे.

अक्षय तृतीया कब से और क्यों मनाई जाती है?

09 May 2016 15:55 PM IST

वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया या आखा तीज कहते हैं. इस तिथि पर किए गए किसी भी शुभ काम का फल कई गुना ज्यादा मिलता है और कभी न खत्म होने वाला होता है.

भोजन कैसे प्रभावित करता है हमारा भाग्य

07 May 2016 11:58 AM IST

अन्न को शास्त्रों में प्राण की संज्ञा दी गई है. अन्न को प्राण कहने में न तो कोई अयुक्त है और न अत्युक्ति, निःसन्देह वह प्राण ही है. भोजन के तत्वों से ही शरीर में जीवनी शक्ति का निर्माण होता है. उसी से मांस, रक्त, मज्जा, अस्थि और ओजवीर्य आदि का निर्माण हुआ करता है. भोजन के अभाव में इन आवश्यक तत्वों का निर्माण रुक जाये तो शरीर शीघ्र ही स्वत्वहीन होकर स्तब्ध हो जाए.

क्या 100 बच्चों को जन्म दे सकती है कोई मां ?

06 May 2016 12:31 PM IST

लोगों के घर में अभी तक किलकारियां नहीं गूंजी या संतान प्राप्ति नहीं हुई तो परेशान होने की कोई बात नहीं है क्योंकि संतान प्राप्ति के सरल उपाय.

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