नई दिल्ली. Vijay Diwas 2021, आज 16 दिसंबर है, यानि भारत की वीरता का परचम लहराने का दिन। सारे देश में इस दिन को विजय दिवस के रुप मे मनाया जाता है। पचास साल पहले इसी दिन 1971 में भारत ने पाकिस्तान सेना को करारी शिक्सत दी थी। इस जंग में देश के करीब […]
पोर्ट ऑफ एलात : Port of Eilat देश के लिए खुशियां मनाने का समय है। भारत की हरनाज कौर संधू मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता जीत गई हैं। 21 साल पहले 2000 में लारा दत्ता ने ये प्रतियोगिता जीती थी। इस बार ये कीर्तिमान हासिल किया है मिस हरनाज कौर संधू ने। बता दें इससे पहले वह […]
ग्रह-नक्षत्रों पर ही पूरा ज्योतिष टिका है. यह बात आप बखूबी जानते हैं. इन ग्रह और नक्षत्रों का प्रभाव इंसान पर भी व्यापक रूप से पड़ता है. इन्हीं नक्षत्रों और ग्रहों के चाल के हिसाब से आपकी भविष्यवाणियां होती हैं.
आपने ऐसी कई कहानियां सुनी होगी, जिसमें किसी देवता और दानवों के अमर होने की बात कही गई है. हो सकता है कि आपने नहीं भी सुना होगा, लेकिन बजरंग बली हनुमान और परशुराम जी के अमर होने की कथा तो आपने सुनी ही होगी.
भगवान हनुमान को चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है .कहा जाता है कि वे आज भी जीवित हैं और हिमालय के जंगलों में रहते हैं .
नागा साधुओं को आपने कुंभ के मेले में अक्सर देखा होगा. कुंभ के मेले में पूरे शरीर में भभूति लगाए नागा साधु आपको आसानी से नजर आ जाएंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनके बिना कुंभ अधूरा है? क्या है कुंभ और नागा साधुओं का संबंध?
आपने कई बार कुंभ मेले के कवरेज में देखा होगा कि नागा बाबा लोग कपड़े नहीं पहनते हैं और पूरे शरीर पर राख लपेटकर घूमते हैं. उन्हें किसी की कोई शर्म या हया नहीं होती है वो उसी रूप में मस्त रहते हैं.
सास-बहू का झगड़ा आज के टाइम में हर घर में आम बात हो गई है. आज के दौर में ऐसा घर बड़ी मुश्किल से मिलेगा जहां पर सास बहू का झगड़ा न हो. कई बार ये झगड़ा इतना बढ़ जाता है कि सास का वशीकरण करने के लिए वशीकरण के क्षेत्र में एक मंत्र प्रचलित है जो है ''अमे ज़ाला मिलेल फले तत्र प्रवेशा''
उज्जैन में कई घाट है यह प्रसिद्ध सिद्धवट मंदिर के पास क्षिप्रा नदी के बायें किनारे पर स्थित है. सिंहस्थ महाकुम्भ पर्व व धार्मिक पवित्र नहान पर आने वाले श्रद्धालुओं के स्नान हेतु इस घाट का निर्माण किया गया है
मनुष्य जीवन में पेड़ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वैसे तो सभी पेड़ों का अपना-अपना महत्व है लेकिन पीपल का पेड़, अन्य पेड़ों से अधिक पवित्र और शुद्ध माना जाता है. पीपल के पेड़ में कई देवताओं का वास भी माना गया है.