हिंदू धर्म के अनुसार कलयुग के अंत के बाद प्रलय का दिन आएगा, जब सब कुछ समाप्त हो जाएगा, पूरी दुनिया विनाश के साए में सिमट जाएगी.
सनातन अथवा हिन्दू धर्म की संस्कृति संस्कारों पर ही आधारित है. हमारे ऋषि-मुनियों ने मानव जीवन को पवित्र एवं मर्यादित बनाने के लिये संस्कारों का अविष्कार किया. धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक दृष्टि से भी इन संस्कारों का हमारे जीवन में विशेष महत्व है. भारतीय संस्कृति की महानता में इन संस्कारों का महती योगदान है.
भारतीय ज्योतिष में ग्रहणों का बहुत महत्व है क्योंकि उनका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर देखा जाता है. जब घूमते-घूमते चन्द्रमा, सूरज व पृथ्वी एक ही सीध में होते हैं तब इस कारण चन्द्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है तो इसे सूर्यग्रहण कहते हैं. ऐसा अक्सर अमावस्या के दिन होता है. इंडिया न्यूज शो भारत पर्व में आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा बताते हैं कि जब चंद्रमा के पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है तब उसके गुरुत्वाकर्षण का सबसे अधिक प्रभाव इस पर पड़ता है.
जब जब धरती पर धर्म पर बुराई के बादल आने लगते है तब तब भगवान अवतार के रुप में प्रकट हो कर अच्छाई पर बुराई की जीत को कायम करते हैं. ऐसे में ये बडा़ सवाल उठता है कि अवतार क्या होते है ?
अक्सर लोग इतिहास के बारे में अपनी मर्जी से बातें करना शुरु कर देते है जिनका उन्हें जरा भी ज्ञान नहीं होता लेकिन उन्हें धरती का ऋृण चुकाना है तो इस धरती को समझना होगा. बात कि जाए ज्योतिष की तो ज्योतिष भविष्य के साथ-साथ वर्तमान और भूतकाल का भी ज्ञान देता है.
ज्योतिष के मुताबिक अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा हर तरह की परेशानी दूर करने की शक्ति रखती है. फिर समस्या सेहत से जुड़ी हो या निजी जिंदगी से. ढलते सूर्य को अर्घ्य देकर आप कई मुसीबतों से छुटकारा भी पा सकते हैं.
कोणार्क का सूर्य मंदिर पुरी के उत्तर पूर्वी किनारे पर समुद्र तट के क़रीब निर्मित है. यह कई इतिहासकारों का मत है, कि कोणार्क मंदिर के निर्माणकर्ता, राजा लांगूल नृसिंहदेव की अकाल मृत्यु के कारण, मंदिर का निर्माण कार्य खटाई में पड़ गया. इसके परिणामस्वरूप, अधूरा ढांचा ध्वस्त हो गया था.
हिमाचल के कांगड़ा में मां ज्वाला शक्तिपीठ एक प्रसिद्ध मंदिर है. इस मंदिर में मां ज्वाला का पूजन किया जाता है. यहां की नौ ज्वालाओं का नाम देवी के नाम पर रखे गए हैं.
गाय का यूं तो पूरी दुनिया में ही काफी महत्व है. दुधारू पशु होने के कारण ये बहुत उपयोगी घरेलू पशु है. भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही गोधन को मुख्य धन मानते थे, और सभी प्रकार से गौ रक्षा और गौ सेवा, गौ पालन भी करते थे.
कहते है कण में भगवान का वास होता है. वास्तु को भी हमारे धर्मग्रंथों में भगवान का दर्जा मिला है और हमारे पुराणों में वास्तु की पूरी कहानी भी है. इस कहानी से पता चलता है कि वास्तव में वास्तु विज्ञान है या नही.