नई दिल्ली. कोणार्क का सूर्य मंदिर पुरी के उत्तर पूर्वी किनारे पर समुद्र तट के क़रीब निर्मित है. यह कई इतिहासकारों का मत है, कि कोणार्क मंदिर के निर्माणकर्ता, राजा लांगूल नृसिंहदेव की अकाल मृत्यु के कारण, मंदिर का निर्माण कार्य खटाई में पड़ गया. इसके परिणामस्वरूप, अधूरा ढांचा ध्वस्त हो गया था.
कोणार्क के बारे में एक मिथक और भी है कि यहां आज भी नर्तकियों की आत्माएं आती हैं. अगर कोणार्क के पुराने लोगों की माने तो आज भी यहां आपको शाम में उन नर्तकियों के पायलों की झंकार सुनाई देगी जो कभी यहां राजा के दरबार में नृत्य करती थी.
इंडिया न्यूज़ के खास शो भारत पर्व में अत्याधमिक गुरू पवन सिन्हा आपको बताएंगे कोणार्क मंदिर के कई चौकाने वाले रहस्य.
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