योग भारत की प्राचीन संस्कृति का गोरवमयी हिस्सा है जिसकी वजह से भारत सदियों तक विश्व गुरु रहा है. योग एक ऐसी सुलभ एवं प्राकृतिक पद्धति है जिससे स्वस्थ मन एवं शरीर के साथ अनेक आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं.
नई दिल्ली. योग भारत की प्राचीन संस्कृति का गोरवमयी हिस्सा है जिसकी वजह से भारत सदियों तक विश्व गुरु रहा है. योग एक ऐसी सुलभ एवं प्राकृतिक पद्धति है जिससे स्वस्थ मन एवं शरीर के साथ अनेक आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं.
योग में विश्व का दृढ विश्वास ही है जिसकी वजह से 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा. योग शब्द संस्कृत की ‘युज’ धातु से बना है जिसका अर्थ है जोड़ना यानि शरीर,मन और आत्मा को एक सूत्र में जोड़ना. योग के महान ग्रन्थ पतंजलि योग दर्शन में योग के बारे में कहा गया है कि ”योगश्च चित्तवृत्ति निरोध”, यानि मन की वृत्तियों पर नियंत्रण करना ही योग है.
इंडिया न्यूज़ के विशेष शो ‘भारत पर्व’ में अध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा आज बताएंगे कि कैसे योग को आत्मा और परमात्मा के बीच की कड़ी माना गया है. साथ ही शो में जानिए योग के बारे में कृष्ण ने अर्जुन से क्या कहा.