नई दिल्ली. हमारी प्राचीन संस्कृति को अगर एक ही शब्द में समेटना हो तो वह है यज्ञ. ‘यज्ञ’ शब्द संस्कृत की यज् धातु से बना हुआ है जिसका अर्थ होता है दान, देवपूजन एवं संगतिकरण. यज्ञ स्वयं के लिए नहीं किया जाता है बल्कि सम्पूर्ण विश्व के कल्याण के लिए किया जाता है. यज्ञ का प्रचलन वैदिक युग से है, वेदों में यज्ञ की विस्तार से चर्चा की गई है.
ऋषियों द्वारा ईश्वरीय चिंतन में निरंतर जीवन पद्धति खोजी गई जिसमें यज्ञ से मानव मन में स्थापित वांछित लाभ पाया जा सकता है. इस विधि व्यवस्था को त्रिकाल संध्या के रूप में ऋषियों ने भी अपनाया और यज्ञ के अध्यात्म को अवतारी सत्ताओं ने भी स्वीकारा. आप भी जानिए कि आखिर यज्ञ क्यों किया जाता है? यज्ञ करने के वैज्ञानिक आधार क्या है?
वीडियो में देखिए भारत पर्व…
बांग्लादेश का अचानक पाकिस्तान प्रेम किसी को भी पच नहीं रहा है। मोहम्मद यूनुस के…
भगवा पार्टी में संगठन चुनाव चल रहा है और नीचे से ऊपर तक तब्दीली हो…
गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार और नवीन पटनायक, दोनों ही नेता भारत रत्न…
कोटा से एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है। एक सरकारी अधिकारी पति ने रिटायरमेंट से…
कजाकिस्तान में बुधवार को अजरबैजान एयरलाइंस क्रैश हो गया। हवा से जमीन पर आते समय…
200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने…