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पूजा की सामग्री का वैज्ञानिक आधार जानते हैं?

नई दिल्ली. पूजा में कलश स्थापन से लेकर आरती तक की अपनी उपयोगिता है. स्थापित कलश में माना जाता है कि कलश के अंदर खाली स्थान में शिव का वास होता है, जोकि पूजन के दौरान शिव से एकाकार होने में सहायक होता है.

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  • July 16, 2015 4:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

नई दिल्ली. पूजा में कलश स्थापन से लेकर आरती तक की अपनी उपयोगिता है. स्थापित कलश में माना जाता है कि कलश के अंदर खाली स्थान में शिव का वास होता है, जोकि पूजन के दौरान शिव से एकाकार होने में सहायक होता है.

कलश के उपर स्थापित नारियल के संबंध में मान्यता है कि नारियल की शिराओं में सकारात्मक उर्जा का भंडार होता है जिसे पूजन के समय उपयोग करने से नारियल की शिराओं से उर्जा तरंगे कलश के जल में पहुंचती हैं और ईश्वर प्रसन्न होते हैं.तांबे का पात्र उपयोग करने के पीछे धारणा है कि तांबे में सात्विक लहरें उत्पन्न करने की क्षमता होती है जिससे मन में सात्विक गुणों का समावेश होता है. साथ ही धी की ज्योति आत्मा की ज्योति का प्रतीक मानी जाती है.

वीडियो में देखिए भारत पर्व..

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