नई दिल्ली. ध्यान करने के चार शुरुआती चरण होते हैं. इनमें सांस लेने की गति, मन की हलचल को नियंत्रित करना, पहले किसी भी आवाज पर ध्यान देना और किसी भी कल्पना को वैसे ही आंख मूंदकर देखना और अंतत: सच में जीना, शामिल होता है.
नई दिल्ली. ध्यान करने के चार शुरुआती चरण होते हैं. इनमें सांस लेने की गति, मन की हलचल को नियंत्रित करना, पहले किसी भी आवाज पर ध्यान देना और किसी भी कल्पना को वैसे ही आंख मूंदकर देखना और अंतत: सच में जीना, शामिल होता है. जब आप ध्यान के ये चरण पूरा करते हैं, तो आपका मन भटकता नहीं है.