नई दिल्ली. भगवान परशुराम विष्णु के छठवें अवतार हैं. ये चिरंजीवी होने से कल्पांत तक स्थायी हैं. इनका जन्म समय सतयुग और त्रेता का संधिकाल माना जाता है.
मानव समाज में सत्य, अहिंसा, दया खत्म होने लगा तो जनमानस को उनके मूलभूत अधिकारों से वंचित किया जाने के उपरांत तब भगवान परशुराम जी ने ब्राह्मण कुल में जन्म लेकर उन अत्याचारी क्रूर शासक वर्ग को दंडित करने के लिए शस्त्र उठाया. ऐसी ही परशुराम से जुड़े और भी कहानी बताएंगे अधायत्मिक गुरु पवन सिन्हा इंडिया न्भायूज शो भारत पर्व में
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