नई दिल्ली. आमतौर पर किसी भी साधु, ऋषि, मुनि या मंदिर के पंडित को केसरी वस्त्र में ही देखा जाता है. यह रंग हिन्दू धर्म को दर्शाता है. हिन्दू मान्यताओं के आधार पर केसरी रंग अग्नि का प्रतीक है. यह उस अग्नि को दर्शाता है जो हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले भगवान का नाम लेते हुए जलाई जाती है.
मनुष्य हवन कुंड में जल रही अग्नि के जरिए ही परमात्मा का बोध करता है. वह इस अग्नि के माध्यम से प्रभु की आराधना करता है. इसीलिए पूजा-अर्चना के दौरान केसरी रंग के वस्त्र पहनने की मान्यता है.
यह पवित्र रंग हमें ईश्वर के और भी करीब ले जाती है. यही कारण है कि तपस्या में लीन बैठे साधु-संत, जिनके जीवन का लक्ष्य ही प्रभु को पाना है, वह केसरी रंग के वस्त्र धारण करते हैं. केवल आध्यात्मिक ही नहीं ज्योतिषीय दृष्टि से भी यह रंग योग्य माना जाता है.
इंडिय़ा न्यूज के खास शो भारत पर्व में अत्याध्मिक गुरू पवन सिन्हा बताते हैं कि क्या है केसरिया रंग का महत्व और क्यों साधु-संत धारण करते हैं केसरिया रंग के वस्त्र.
वीडियो में देंखे पूरा शो
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय ध्वज…
दो बार प्रधानमंत्री रह चुके व प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के निधन के बाद…
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर) को 92 वर्ष की…
मनमोहन सिंह को भारी भरकम दहेज़ मिल रहा था लेकिन उन्हें पढ़ी- लिखी लड़की चाहिए…
डब्ल्यूएचओ प्रमुख डॉ. टेड्रोस ने कहा कि वह और उनके साथी विमान में सवार होने…
मौसम विभाग ने शुक्रवार और शनिवार को आंधी-तूफान के साथ बारिश की संभावना जताई है.…