नई दिल्ली. मंदिर ध्यान लगाने या प्रार्थना करने के लिए होते है. मंदिर के स्तंभों या दीवारों पर ही मूर्तियां बनाई जाती थीं ताकि मंदिरों में शांति से पूजा-पाठ हो सके. मंदिर निर्माण एक जटिल विज्ञान है, और मंदिर के आकार से लेकर, इसके वास्तु और यहां रखी गई मूर्ति में साम्य बिठाना ही पड़ता है. मंदिरों में गर्भ गृह का निर्माण, परिक्रमा स्थल का निर्माण काफी रिसर्च के बाद किया जाता है. यदि मंदिर का निर्माण नियमानुसार नहीं होता है, तो पॉजिटिव एनर्जी सिस्टम तैयार हो पाएगा.
‘इंडिया न्यूज शो’ भारत पर्व में आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा बताने वाले है अलग-अलग मंदिर में पूजा करने के तरीके , कौन सा ऐसा मंदिर है जहां चूहों का जूठा प्रसाद मिलता है.
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