नई दिल्ली. शिव और पार्वती से संबंधित एक कथा के अनुसार हिमालय पुत्री पार्वती चाहती थीं कि उनका विवाह भगवान शिव से हो जाये पर शिवजी अपनी तपस्या में लीन थे. कामदेव पार्वती की सहायता को आए, उन्होंने पुष्प बाण चलाया और भगवान शिव की तपस्या भंग हो गयी. शिवजी को बड़ा क्रोध आया और उन्होंने अपनी तीसरी आँख खोल दी. उनके क्रोध की ज्वाला में कामदेव का शरीर भस्म हो गया. फिर शिवजी ने पार्वती को देखा, पार्वती की आराधना सफल हुई और शिवजी ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया.
‘इंडिया न्यूज शो’ भारत पर्व में आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा बताने वाले है शिव और समुंद्र का रिश्ता, किस शिवलिंग का जलाभिषेक स्वयं समुद्र करते है, किस मंदिर का शिंवलिंग आंखों के सामने से गायब हो जाता है.
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