बेटियां: BSF की महिला कमांडो, जो दुश्मन को बिना हथियार भी धूल चटा सकती हैं

BSF की महिला कमांडो ऐसी है जो दुश्मन को बिना हथियार भी धूल चटा सकती हैं. BSF में लगभग 5000 महिला कमांडो हैं. BSF ट्रेनिंग कैंप में महिलाओं की कठिन ट्रेनिंग होती है साथ ही जुडो-कराटे की ट्रेनिंग भी दी जाती है. BSF की ये महिला कमांडो को देश की कई सरहदों में तैनात हैं साथ ही इन्हें कई हथियार चलाने में महारत भी हासिल है.

Advertisement
बेटियां: BSF की महिला कमांडो, जो दुश्मन को बिना हथियार भी धूल चटा सकती हैं

Admin

  • August 12, 2017 5:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: BSF की महिला कमांडो ऐसी है जो दुश्मन को बिना हथियार भी धूल चटा सकती हैं. BSF में लगभग 5000 महिला कमांडो हैं. BSF ट्रेनिंग कैंप में महिलाओं की कठिन ट्रेनिंग होती है साथ ही जुडो-कराटे की ट्रेनिंग भी दी जाती है. BSF की ये महिला कमांडो को देश की कई सरहदों में तैनात हैं साथ ही इन्हें कई हथियार चलाने में महारत भी हासिल है.
 
बता दें कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अपनी महिला जवानों को विशेष कमांडो ट्रेनिंग देने का फैसला किया है. इसका मकसद महिलाओं को मुश्किल मोर्चो पर तैनात करना है. फिलहाल बीएसएफ की महिला जवान भारत से लगी पाकिस्तान और बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात हैं.
 
सीमाओं की सुरक्षा के लिए गठित बीएसएफ में फिलहाल करीब 1200 महिला जवान हैं. महिलाओं को पहली बार 2009 में कांस्टेबल पद पर बल में शामिल किया गया था. बीएसएफ महानिदेशक सुभाष जोशी के मुताबिक ‘हमने महिला जवानों को विशेष कमांडो ट्रेनिंग देना का फैसला किया है ताकि उन्हें त्वरित प्रक्रिया टीमों के तौर पर मुश्किल मोर्चो पर तैनात किया जा सके.’
 
उन्होंने उम्मीद जताई कि पुरुषों की तरह महिला कांस्टेबल भी हर चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं. जोशी के मुताबिक इस साल के अंत तक अर्धसैनिक बल में 27 महिला अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा. 44 सप्ताह की कड़ी ट्रेनिंग के बाद उन्हें मुश्किलों स्थानों पर कंपनी कमांडर के तौर पर तैनात किया जाएगा.

Tags

Advertisement