बेटियां : TV सीरियल ‘नागिन’ की यामिनी ने पैरों से लिखी कामयाबी की गाथा

हिन्दुस्तान के जिस घर में भी सास बहू के सीरियल देखे जाते हैं उस घर में इस किरदार की धमक है. छोटे पर्दे पर अपने रंग रूप और डॉयलाग से करोड़ों दर्शकों का दिल जीतने वाली ये अदाकारा सुधा चन्द्रन हैं. अब तक आप इस बात से अनजान होंगे कि कामयाबी के शिखर पर सुधा एक पैर पर खड़ी हैं.

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बेटियां : TV सीरियल ‘नागिन’ की यामिनी ने पैरों से लिखी कामयाबी की गाथा

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  • December 10, 2016 1:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : हिन्दुस्तान के जिस घर में भी सास बहू के सीरियल देखे जाते हैं उस घर में इस किरदार की धमक है. छोटे पर्दे पर अपने रंग रूप और डॉयलाग से करोड़ों दर्शकों का दिल जीतने वाली ये अदाकारा सुधा चन्द्रन हैं. अब तक आप इस बात से अनजान होंगे कि कामयाबी के शिखर पर सुधा एक पैर पर खड़ी हैं.
 
दुनिया में लोग अपनी कामयाबी की कहानी हाथों से लिखते है लेकिन सुधा चन्द्रन ने अपने मुकंद्दर को पैरो से लिखा है. साल 1984 में तेलगु फिल्म मयूरी (तेलगु गाना है) और 1986 में हिन्दी फिल्म नाचे मयूरी में देश ने इस बेटी को पहली बार पर्दे पर देखा. दो पैरो पर खड़े होकर भरतनाट्यम् करने वाली इस अदाकारा की असलियत जब लोगों के सामने आई तो लोग दंग रह गए. म्यूजिक की थाप पर थिरकते इन दो पैरों में एक पैर बेजान था, लेकिन हौसला हिम्मत और जज्बा ऐसा था कि हर कोई हैरान था.
 
प्लास्टिक के इस पैर के सहारे सुधा ने करोड़ों दिलों को अपना मुरीद बना लिया. 7 सितंबर 1965 को जन्मी सुधा चन्द्रन का 1981 में एक एक्सीडेंट के दौरान पैर कट गया. हादसा तमिलनाडु के त्रिचुरापल्ली में हुआ था. सुधा अपने माता पिता के साथ आ रही थीं. इस एक हादसे ने सुधा की जिंदगी को तोड़ भी दिया और मोड़ भी दिया. उपरवाले ने एक पैर जरुर छिन लिया लेकिन इस हादसे के बाद सुधा को जो हिम्मत मिली. उसी हिम्मत के दम पर सुधा ने अपनी जिंदगी को दिशा दी.
सूधा चंद्रन की कहानी इंडिया न्यूज के खास शो बेटियां में देखिए

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