मुसलमानों की पहचान और सुरक्षा खतरे में हैं ?

नई दिल्ली. संवैधानिक तौर पर भारत धर्म निरपेक्ष देश है, जहां सरकारी नीतियां धार्मिक आधार पर नहीं बनाई जातीं लेकिन, अब सरकार की नीतियों पर देश के उप राष्ट्रपति ने ही इशारों-इशारों में सवाल उठा दिए हैं.     उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी का कहना है कि देश के मुसलमानों के सामने पहचान, सुरक्षा और […]

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मुसलमानों की पहचान और सुरक्षा खतरे में हैं ?

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  • September 1, 2015 11:48 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. संवैधानिक तौर पर भारत धर्म निरपेक्ष देश है, जहां सरकारी नीतियां धार्मिक आधार पर नहीं बनाई जातीं लेकिन, अब सरकार की नीतियों पर देश के उप राष्ट्रपति ने ही इशारों-इशारों में सवाल उठा दिए हैं.
 
 
उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी का कहना है कि देश के मुसलमानों के सामने पहचान, सुरक्षा और शिक्षा की समस्या बरकरार है मुस्लिमों को सरकार और सिस्टम में पर्याप्त हिस्सेदारी नहीं मिल रही.
 
 
 
उन्होंने सरकार को नसीहत दी है कि सबका साथ-सबका विकास की तर्ज पर मुस्लिमों के साथ भेदभाव खत्म करना चाहिए. अब ये सवाल बीच बहस में है कि क्या वाकई भारत में मुस्लिमों की पहचान और सुरक्षा खतरे में है और अगर हां, तो फिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है ?
 
देखिए बीच बहस में –
 
 
 
 

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