नई दिल्ली. 1993 में हुए मुंबई ब्लास्ट के आरोपी याकूब मेमन को गुरुवार के दिन नागपुर जेल में फांसी दी जाएगी. उनकी दूसरी मर्सी पेटिशन को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने याकूब की क्यूरेटिव पिटीशन पर दोबारा सुनवाई करने से इंकार कर दिया और महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव […]
नई दिल्ली. 1993 में हुए मुंबई ब्लास्ट के आरोपी याकूब मेमन को गुरुवार के दिन नागपुर जेल में फांसी दी जाएगी. उनकी दूसरी मर्सी पेटिशन को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने याकूब की क्यूरेटिव पिटीशन पर दोबारा सुनवाई करने से इंकार कर दिया और महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव ने भी मेमन की दया याचिका को ठुकरा दिया. अब इसी पर याकूब की फांसी को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुसलमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने याकूब मेनन की फांसी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद गिराने वालो को फांसी मिले. ऐसे में बीच बहस का सवाल है कि क्या याकूब की फांसी पर राजनीति जायज है?
वीडियो में देखिए, बीच बहस में: