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आखिर राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के प्रस्ताव पर एतराज क्यों है ?

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर सियासत तेज हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च को कहा कि दोनों पक्ष अगर बातचीत से इस मुद्दे का हल निकाल सकते हैं तो उन्हें खुशी होगी, चीफ जस्टिस ने कहा कि जरूरी हो तो वो मध्यस्थता करने के लिए भी तैयार हैं लेकिन मुस्लिम पक्ष का कहना है बातचीत से इसका हल नहीं निकल सकता है लिहाजा कोर्ट फैसला करे.

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  • March 26, 2017 4:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर सियासत तेज हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च को कहा कि दोनों पक्ष अगर बातचीत से इस मुद्दे का हल निकाल सकते हैं तो उन्हें खुशी होगी, चीफ जस्टिस ने कहा कि जरूरी हो तो वो मध्यस्थता करने के लिए भी तैयार हैं लेकिन मुस्लिम पक्ष का कहना है बातचीत से इसका हल नहीं निकल सकता है लिहाजा कोर्ट फैसला करे.
 
वहीं हिंदू पक्ष बातचीत को तैयार तो है लेकिन साधु संत अड़े हैं कि किसी भी हालत में अयोध्या में राम मंदिर ही बनेगा. अब सवाल ये है कि राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के प्रस्ताव पर एतराज क्यों है ? और योगी राज में साधु-संत मंदिर पर अड़ियल क्यों हो गए हैं ?
 
दरअसल, आज गोरखपुर में सीएम आदित्यनाथ की मौजूदगी में  दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के विचार का स्वागत करते हैं लेकिन किसी भी हालत में राम जन्मभूमि पर मंदिर ही बनेगा, मस्जिद नहीं. वहीं योगी आदित्यनाथ ने तुलसीदास की कहानी सुनाकर इशारों में बहुत कुछ कह दिया.
 
(वीडियो में देखें पूरा शो)
 

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