नई दिल्ली. मेहबूब राही का एक शेर है…’काम नहीं आते जज़्बात सियासत में..जायज़ होती है हर बात सियासत में…।’ये शेर इसलिए क्योंकि जहां बिन बात या हर बात पर सियासत होती है, वहां योग साधना जैसी जरूरी बात भी कमजोर हो जाती है. भारत से निकलकर जो योग विद्या आज पूरी दुनिया में धूम मचा […]
नई दिल्ली. मेहबूब राही का एक शेर है…’काम नहीं आते जज़्बात सियासत में..जायज़ होती है हर बात सियासत में…।’ये शेर इसलिए क्योंकि जहां बिन बात या हर बात पर सियासत होती है, वहां योग साधना जैसी जरूरी बात भी कमजोर हो जाती है.
भारत से निकलकर जो योग विद्या आज पूरी दुनिया में धूम मचा रही है. उसी सनातन साधना पर देश में ही जमकर सियासी तीर चलाए जा रहे हैं.. बीच बहस में देखिए आखिर योग दिवस के मौके पर कोरी सियासत क्यों….?