नई दिल्ली. ना खाता ना बही जो केजरीवाल कहें और वही सही. विरोधियों की ये लाइन चाहे अनचाहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बिल्कुल सटीक बैठ जाती है. अब एसीबी का नया मुद्दा ही ले लीजिए. केजरीवाल ने भ्रष्टाचार मिटाने के लिए नीतीश सरकार से 6 पुलिसवाले मांगे और एसीबी ज्वाइन करा दिया.
नई दिल्ली. ना खाता ना बही जो केजरीवाल कहें और वही सही. विरोधियों की ये लाइन चाहे अनचाहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बिल्कुल सटीक बैठ जाती है. अब एसीबी का नया मुद्दा ही ले लीजिए. केजरीवाल ने भ्रष्टाचार मिटाने के लिए नीतीश सरकार से 6 पुलिसवाले मांगे और एसीबी ज्वाइन करा दिया. दिल्ली के राज्यपाल नजीब जंग को दिक्कत यहीं है. राजभवन से जारी बयान में साफ किया गया है कि एसीबी के बॉस एलजी हैं.
तो फिर केजरीवाल ने ये तैनाती कैसे और क्यों की ? दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में साफ कहा है कि दिल्ली में कोई भी नियुक्ति हो, उसका प्रस्ताव दिल्ली सरकार पहले एलजी के पास भेजेगी, लेकिन केजरीवाल ने ऐसा नहीं किया. केंद्र की अधिसूचना में भी साफ लिखा है कि दिल्ली के बॉस एलजी ही हैं, लेकिन केजरीवाल ने अधिसूचना को भी नहीं माना. अब ये बीच बहस का बड़ा सवाल है कि एसीबी के बॉस एलजी हैं या केजरीवाल ?