नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में प्रदूषण ने सारी हदों को तोड़ दिया है. बीती 23 दिसंबर को राजधानी में साल का सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया. दिल्ली का कोई भी इलाका हो, यहां हवा की गुणवत्ता खराब से लेकर घातक तक पहुंच गई है.
हम सब, हमारे अपने, इसी जहरीली हवा में सांस लेकर बीमार बनते जा रहे हैं. बड़ी बात ये है कि प्रदूषण के लिए ज्यादा जिम्मेदार कारें नहीं बल्कि सड़कों पर उड़ने वाली धूल और औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला धुआं है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि ईवन-ऑड फॉर्मूले के बूते दिल्ली सरकार, प्रदूषण कितना कम कर पाएगी?
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