नई दिल्ली. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक पर कहा है कि मोदी सरकार अपनी नाकामी छिपाने की कोशिश कर रही है. इसलिए वो तीन तलाक और यूनिफार्म सिविल कोड का मुद्दा उठाने जा रही है. एक मुस्लिम धर्म गुरु ने कहा कि इस्लाम में शादी का रिश्ता पूरी जिंदगी भर का नहीं है, बल्कि जब तक दोनों लोग रजामंद रहें, उस वक्त तक दोनों का रिश्ता रजामंद रहेगा, लेकिन जब दोनों खुश नहीं है तो तलाक महिला भी ले सकती है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि लॉ कमीशन ने वेब साइट पर पूरे मुल्क से जवाब मांगा है यूनिफॉर्म सिविल कोड पर. हम लोगो ने प्रश्नों को देखने के बाद महसूस किया कि लॉ कमीशन ने यूनिफॉर्म सिविल कोड लाना चाहता है. सभी 16 सवाल के जवाब यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करना चाहती है. ये खयानत है धोखाधडी है.
लॉ कमीशन केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है. लॉ कमीशन के सवाल नामे का बहिष्कार करेंगे. मुल्क के मुसलमान इसका बहिष्कार करेंगे. सवाल नामा निष्पक्ष न होकर एक पक्ष का हो गया.
यूनिफॉर्म सिविल कोड इस मुल्क के लिए मुनासिब नहीं है. ये मुल्क गंगा जमुना तहजीब की है. हम मुल्क में अग्ग्रेमेन्ट के तहत रह रहे है जो संविधान के तहत आता है. संविधान हमे अपने धर्म के हिसाब से रहने की इजाजत देता है. अगर इससे छेड़छाड़ करते है तो संविधान के साथ होगा. ये किसी एक सोच को लागू किया जा रहा है. हर बात मैं अमरीका का जय कहा जाता है। अमरीका में सभी स्टेट में अलग अलग कानून है.
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