नई दिल्ली। देश में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाली गाड़ियों का पुलिस चालान काटती है। लेकिन, इस बीच पुलिस द्वारा काटे गए चालान का पेंडिंग(Unpaid Challans In Delhi) होना एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। खास तौर से दिल्ली में पेंडिंग चालान की समस्या अधिक देखी जा रही है। पुलिस व्हीकल्स का चालान […]
नई दिल्ली। देश में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाली गाड़ियों का पुलिस चालान काटती है। लेकिन, इस बीच पुलिस द्वारा काटे गए चालान का पेंडिंग(Unpaid Challans In Delhi) होना एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। खास तौर से दिल्ली में पेंडिंग चालान की समस्या अधिक देखी जा रही है। पुलिस व्हीकल्स का चालान काटती है लेकिन अधिकतर लोग चालान का जुर्माना नहीं भर रहे। ऐसे में दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग इस समस्या से जूझ रहा है।
वहीं टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की तरफ से न्यायपालिका को पत्र लिखकर कहा गया है कि 90% लोगों ने चालान पर कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया है, जिसके कारण एनफोर्समेंट एक्सरसाइज प्रभावित हो रहा है। यही नहीं, विभाग ने ये भी बताया है कि पिछले साल ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) लागू रहने के दौरान काटे गए 75% से ज्यादा चालान का लोगों ने भुगतान(Unpaid Challans In Delhi) नहीं किया है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, तीस हजारी कोर्ट को पत्र लिखा गया है। इसमें परिवहन विभाग ने कहा, यह आपके ध्यान में लाया गया है कि चालान पेंडिंग स्टेटस व्हीकल्स पर एनफोर्समेंट के दायरे में चुनौती बन रहा है। यही नहीं, परिवहन विभाग के आंकड़ों की मानें तो 2023 में 36,225 पीयूसीसी (प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र) चालान काटे गए थे। इसमें से 33,137 या 91% का अभी भी रिन्यू होना बाकी है।
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बता दें कि वैलिड पीयूसीसी ना होने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगता है। रिपोर्ट के मुताबिक, विभाग के पत्र में कहा गया है कि पेंडिंग चालानों (Unpaid Challans In Delhi) के मुद्दे से निपटने के लिए इस मामले का उच्च न्यायपालिका के जाना बेहद जरूरी है ताकि, इसके लिए सिस्टम बन सके।