नई दिल्ली: अमूमन जब कोई दूसरा व्यक्ति इस्तेमाल के लिए हमसे हमारी गाड़ी मांगता है तो हम तुरंत उसके हवाले कर देते हैं. इसी तरह अगर आप भी किसी को बिना सोचे समझे अपनी गाड़ी देते हैं तो इससे पहले आप इससे जुड़े कानून भी जान लीजिए. नहीं तो आप वाकई बड़ी मुसीबत में फंस […]
नई दिल्ली: अमूमन जब कोई दूसरा व्यक्ति इस्तेमाल के लिए हमसे हमारी गाड़ी मांगता है तो हम तुरंत उसके हवाले कर देते हैं. इसी तरह अगर आप भी किसी को बिना सोचे समझे अपनी गाड़ी देते हैं तो इससे पहले आप इससे जुड़े कानून भी जान लीजिए. नहीं तो आप वाकई बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं.
अक्सर जब हमसे हमारा कोई जानकार, दोस्त या रिश्तेदार गाड़ी मांगता है तो हम उसे फ़ौरन अपनी गाड़ी बिना कुछ सोचे समझे दे देते हैं. हमें लगता है कि चलो सामने वाले इंसान का काम बन जाएगा तो देने में ऐतराज कैसा है. लेकिन आपको बता दें, अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आपको यह जान लेना चाहिए कि अपनी गाड़ी दूसरों से मांगना और देने दोनों ही आपके लिए घातक साबित हो सकता है. आइये आपको इसके बारे में बताते हैं:
पहले तो आप यह जान लें कि किसी नाबालिग द्वारा गाड़ी चलाए जाने से यदि कोई दुर्घटना हो जाती है तो गाड़ी चलाने वाले को तीन साल की जेल का भी कानून है. साथ ही ऐसे मामलों में गाड़ी के मालिक ऊपर भी अर्थदंड लगाया जा सकता है. यह जुर्माना 25 हजार रुपये तक का हो जबकि जेल 3 साल की कारावास की भी नौबत आ सकती है. ऐसे में आप अपने कम उम्र के बच्चों को भी गाड़ी चलाने के लिए न सौपें।
नियमों के अनुसार यदि कोई दोषी व्यक्ति जुर्माने की राशि जमा नहीं कर सका तो उसके ऊपर और भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है. ऐसे हालातों में मामला कोर्ट में चला जाएगा। जिसके बाद जैसा कोर्ट का आदेश होगा वह आदेश दोषी व्यक्ति को मानना होगा। ऐसे में आप 16 साल से कम उम्र के बच्चों के हाथों में अपनी गाड़ी की चाबी न सौंपें। लोग कानून के बारे में न तो जानते हैं न ही जानने के इच्छुक हैं. बस लोग यह चाहते हैं कि जल्द से जल्द उनका बच्चा कैसे भी गाड़ी चलाने लगे. ऐसे में आपको जिम्मेदार होने की जरूरत है.