Sand Taxi: झारखंड में जल्द ही शुरू होने जा रही है रेत टैक्सी प्रणाली, मिलेंगी ये सुविधाएं

नई दिल्ली। झारखंड सरकार की तरफ से अवैध रेत खनन और रेत माफियाओं से निपटने के लिए जल्द ही तेलंगाना की तरह ही एक सैंड टैक्सी(Sand Taxi) सिस्टम (रेत टैक्सी प्रणाली) लागू किया जाएगा। ऐसा होने से उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर रेत उपलब्ध होगी। अधिकारियों के अनुसार, राज्य का खान और भूविज्ञान विभाग जल्द […]

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Sand Taxi: झारखंड में जल्द ही शुरू होने जा रही है रेत टैक्सी प्रणाली, मिलेंगी ये सुविधाएं

Sachin Kumar

  • January 18, 2024 7:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्ली। झारखंड सरकार की तरफ से अवैध रेत खनन और रेत माफियाओं से निपटने के लिए जल्द ही तेलंगाना की तरह ही एक सैंड टैक्सी(Sand Taxi) सिस्टम (रेत टैक्सी प्रणाली) लागू किया जाएगा। ऐसा होने से उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर रेत उपलब्ध होगी। अधिकारियों के अनुसार, राज्य का खान और भूविज्ञान विभाग जल्द ही एक रेत टैक्सी पोर्टल बनाने जा रहा है। जहां पूरे राज्य से ट्रक, ट्रैक्टर और अन्य वाहनों को पंजीकृत किया जाएगा।

ऑनलाइन माध्यम से रेत की बुकिंग

वहीं इस संबंध में खान निदेशक अर्वा राजकमल का कहना है कि इस सुविधा(Sand Taxi) के जरिए उपभोक्ता ऑनलाइन माध्यम से भी रेत की बुकिंग कर सकेंगे। जिससे एक बार रेत बुक करने और परिवहन का तरीका चुनने के बाद, हम उसे 48 घंटे के भीतर उपभोक्ता के दरवाजे पर पहुंचा देंगे। उन्होंने आगे बताया कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह प्रणाली अगले वित्तीय वर्ष में शुरू की जाएगी।

खान और भूविज्ञान विभाग के सचिव अबूबकर सिद्दीकी ने विभाग की उपलब्धियों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि रेत घाटों के लिए टेंडर को अब अंतिम रूप दिया गया है। हमने 216 रेत घाटों के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली है और बोली लगाने वालों को लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) मिल गया है। एक बार जब वे संबंधित विभाग से मंजूरी ले लेते हैं, तो वे खनन शुरू कर सकते हैं। हालांकि, बोली लगाने वालों को खनन शुरू करने से पहले राज्य के पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआईएए) से मंजूरी लेना होता है, जो कि वन विभाग के अधीन आता है। वहीं एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, दुर्भाग्य से, एसईआईएए वर्तमान में राज्य में गैर-परिचालन है।

राज्य की हर पंचायत में रेन गेज

इसके अलावा, अबूबकर सिद्दीकी ने कहा, एसईआईएए (SEIAA) की स्थापना प्रगति पर है और उन्हें ये उम्मीद है कि यह कुछ महीनों के भीतर शुरू हो जाएगा। सिद्दीकी ने उल्लेख किया कि झारखंड में लिथियम के बड़े भंडार ढ़ूंढ लिए गए हैं। ये राज्य के राजस्व को बढ़ाएंगे और भविष्य में इसकी अंतरराष्ट्रीय प्रोफाइल भी ऊपर उठाएंगे। यही नहीं, कृषि विभाग के सचिव के रूप में भी कार्यरत अबूबकर सिद्दीकी ने बताया कि सरकार की योजना, राज्य के हर पंचायत में रेन गेज लगाने की है। इस साल, सरकार ने पहले ही 264 में से 158 ब्लॉकों को सूखा प्रभावित घोषित कर दिया है। वहीं पिछले साल की तरह इस बार भी प्रभावित परिवारों को 3,500 रुपये सूखा राहत के रूप में दिया जाएगा।

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