नई दिल्ली। बाइक और कार चालकों को रोजाना पेट्रोल पंप के चक्कर लगाने ही पड़ते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई फ्यूल स्टेशन आपको चूना लगाने का भी काम कर रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि वाहन में ईंधन भराते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि आपकी मेहनत की […]
नई दिल्ली। बाइक और कार चालकों को रोजाना पेट्रोल पंप के चक्कर लगाने ही पड़ते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई फ्यूल स्टेशन आपको चूना लगाने का भी काम कर रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि वाहन में ईंधन भराते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि आपकी मेहनत की कमाई बर्बाद न हो।
जब आप किसी स्पेसिफिक नंबर को लेकर फ्यूल भराते हैं, तो आपके साथ स्कैम होने के चांसेस ज्यादा हो सकते हैं। जैसे कि अगर आप 1,000 रुपये मूल्य का पेट्रोल भराते हैं और मीटर पहले से ही 200 रुपये पर है, तो ऐसे में आपको 1,000 रुपये का भुगतान करना पड़ सकता है। लेकिन इसमें आपको केवल 800 रुपये मूल्य का ईंधन ही मिलेगा है और आपको 200 रुपये का नुकसान होता है।
इसके अलावा कम डेंसिटी वाला फ्यूल खरीदने से भी आपको पैसों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए ग्राहकों को जागरूक रहने की आवश्यकता है। इसके लिए मीटर पर दर्शाए गए डेंसिटी की जांच जरूर करनी चाहिए। यदि पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 के बीच है, तो वह शुद्ध माना जाता है। जबकि, शुद्ध डीजल की डेंसिटी 830 से 900 के बीच मानी जाती है।
कुछ पेट्रोल पंप पर एक चिप का इस्तेमाल करते हुए स्कैम करते देखा जाता है। दरअसल, ये चिप मीटर द्वारा बताए गए ईंधन की तुलना में 3 प्रतिशत कम फ्यूल भरती है। ऐसे में अगर आप 1,000 रुपये मूल्य के पेट्रोल के लिए भुगतान करते हैं, तो मीटर पूरी राशि दिखाता है लेकिन आपको वास्तव में केवल 970 रुपये का ही पेट्रोल मिल पाता है।