नई दिल्ली: महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) लगातार अपनी SUV गाड़ियों के जरिए खरीदारों का दिल जीतती है। अपडेटेड थार और नई एक्सयूवी700 से लेकर स्कॉर्पियो-एन और बोलेरो तक, महिंद्रा एसयूवी ने कंपनी को बड़ी सफलता दिलाई है। कंपनी अपने खरीदारों को बेहतर आफ्टर-सेल्स सर्विस देने पर भी काफी ज़्यादा ध्यान दे रही है। […]
नई दिल्ली: महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) लगातार अपनी SUV गाड़ियों के जरिए खरीदारों का दिल जीतती है। अपडेटेड थार और नई एक्सयूवी700 से लेकर स्कॉर्पियो-एन और बोलेरो तक, महिंद्रा एसयूवी ने कंपनी को बड़ी सफलता दिलाई है। कंपनी अपने खरीदारों को बेहतर आफ्टर-सेल्स सर्विस देने पर भी काफी ज़्यादा ध्यान दे रही है। इसी के चलते कंपनी ने एक शानदार ऑफर पेश किया है। महिंद्रा ने देश भर में अपने ग्राहकों के लिए मेगा सर्विस कैंप शुरू किया है। इसे एम-प्लस कहा जाता है।
आपको बता दें, महिंद्रा सर्विस कैंप 16 से 26 फरवरी तक चलाया जाएगा। कंपनी ने खुलासा किया कि ग्राहक प्रत्येक वाहन पर 75-प्वाइंट चेक का फायदा ले सकते हैं और 5,000 से अधिक मुफ्त सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, स्पेयर पार्ट्स, लेबर और एक्सेसरीज पर भी कई तरह की छूट दी जाएगी।कंपनी अपनी पेपरलेस सेवा सुविधा भी बढ़ा रही है, जहां महिंद्रा ग्राहक डिजिटल रूप से रिपेयर ऑर्डर और इनवॉइस प्राप्त करना चुन सकते हैं। आधिकारिक मोबाइल ऐप का उपयोग वाहन के दस्तावेजों को स्टोर करने के लिए भी किया जा सकता है और इसे डिजिलॉकर के साथ इंटीग्रेटेड किया गया है।
ऑटो एक्सपो के दौरान कई तरह की कारों को प्रदर्शित और लॉन्च भी किया गया लेकिन छोटी कारों या कहें 5 लाख तक की कारों का कहीं ज़िक्र नहीं हुआ। इसके पीछे मुख्य कारण महंगाई को माना जा रहा है। जो व्यक्ति पहले टू व्हीलर खरीदने का सपना देखता था और वह अब खुद को महंगाई के बोझ तले पाता है और उसकी बाइंग कैपेसिटी समाप्त हो जाती है। कारोबारी भी इसे अपना रहे हैं और उनका पूरा ध्यान केवल महँगी गाड़ियों पर है। इसका सीधा सा उदाहरण मारुति की सेल को देखकर देखा जा सकता है। अगर दिसंबर 2021 की सेल से तुलना करें तो 2022 में 40 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी।
भारतीय बाजार में इन दिनों SUV सेगमेंट की सबसे ज्यादा डिमांड है। इसके बाद लोग सेडान को ज्यादा पसंद करते हैं। इसका कारण आराम और बढ़ी हुई बैठने की क्षमता है। इसे ध्यान में रखते हुए वाहन निर्माताओं का फोकस भी इन्हीं दो सेगमेंट पर है। इसके बाद कंपनियों का पूरा फोकस सेडान पर है क्योंकि युवाओं और शहर में घूमने वालों की पहली पसंद सेडान ही होती है।
अब अगर प्रोडक्शन की बात करें तो इसकी लागत लगातार बढ़ती जा रही है। एयरबैग और प्रदूषण नियम जैसे नियम कार की कीमत में इजाफा करते हैं। ऐसे में छोटी कार बनाना और फिर उसे बजट में बेचना मुश्किल होता है। इसलिए कार निर्माता केवल उन्हीं कारों पर ध्यान देते हैं, जिनके खरीददार को कुछ रुपये जमा करने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।