Nuclear battery: 50 साल तक ये बैटरी चलेगी बिना चार्ज किए, जाने कैसे करती है काम

नई दिल्ली: चीन के बीजिंग बेस्ड Betavolt कंपनी ने एक ऐसी बैटरी बनाई है जो बिना चार्ज किए 50 सालों तक चल सकती है। यह एक न्यूक्यिलयर बैटरी है। द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार इस बैटरी का साइज एक सिक्के से भी छोटा है। कंपनी ने बोला कि ये बैटरी परमाणु ऊर्जा के लघुकरण […]

Advertisement
Nuclear battery: 50 साल तक ये बैटरी चलेगी बिना चार्ज किए, जाने कैसे करती है काम

Janhvi Srivastav

  • January 16, 2024 9:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्ली: चीन के बीजिंग बेस्ड Betavolt कंपनी ने एक ऐसी बैटरी बनाई है जो बिना चार्ज किए 50 सालों तक चल सकती है। यह एक न्यूक्यिलयर बैटरी है। द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार इस बैटरी का साइज एक सिक्के से भी छोटा है। कंपनी ने बोला कि ये बैटरी परमाणु ऊर्जा के लघुकरण को(Nuclear battery) साकार करने वाली दुनिया की पहली बैटरी है। यानि कि ये एटॉमिक एनर्जी को सबसे छोटा रूप देने वाली बैटरी है।

कंपनी ने आगे कहा कि इस बैटरी का टेस्ट पूरा किया जा चुका है और आने वाले समय में इसे ड्रोन्स और स्मार्टफोन के लिए तैयार किया जाएगा। लेकिन मास प्रोडक्शन से पहले कंपनी को सभी जरुरी क्लीयरेंस हासिल करने होंगे। बेटवॉल्ट (Betavolt ) की एटॉमिक एनर्जी बैटरी लंबे समय तक मेडिकल इक्विपमेंट्स, एडवांस्ड सेंसर, स्मॉल ड्रोन, एयरोस्पेस, AI इक्विपमेंट्स, माइक्रोप्रोसेसर और माइक्रो रोबोट में पावर सप्लाई कर सकती हैं और कंपनी ने ये भी कहा कि ये बैटरी AI की दुनिया में क्रांति लाने का काम करेगी।

बैटरी के डाइमेंशन

अगर डाइमेंशन की बात करें तो ये 15 x 15 x 5 मिलिमीटर है और ये बैटरी परमाणु आइसोटोप और हीरे के सेमीकंडक्टर की वेफ़र-पतली परतों से बनी है। लेकिन ये बैटरी 3 वोल्ट पर 100 माइक्रोवाट इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करती है। दरअसल, कंपनी का लक्ष्य 2025 तक इसे 1 वॉट की पावर तक लाना है। इस एटॉमिक एनर्जी बैटरी की ये खास बात है कि इससे निकलने वाला रेडिएशन इंसानो(Nuclear battery) को नुकसान नहीं पहुंचाता है जिसके चलते ये बैटरी मेडिकल फिल्ड में भी अहम भूमिका निभा सकती है।

ऐसे काम करती है ये बैटरी

जानकारी दे दें कि ये बैटरी आइसोटोप से निकलने वाली एनर्जी को इलेक्ट्रिसिटी में बदलती है। इस कांसेप्ट को पहली बार 20वीं सदी में विकसित किया गया था। बता दें कि चीन 2021-2025 तक अपनी 14वीं पंचवर्षीय योजना के तहत परमाणु बैटरियों को छोटा बनाने की दिशा में काम कर रहा है और इन बैटरियों में लेयर्ड डिजाइन है जिसके चलते इनमें आग लगने या सडन फाॅर्स से बैटरी फटने का खतरा नहीं है। कंपनी ने यह भी दावा किया है कि ये बैटरियां माइनस 60 से लेकर 120 डिग्री तक के तापमान में आराम से काम कर सकती है।

यह भी पढ़े: 

Advertisement