Motor Vehicles Act 1988: सड़क परिवहन मंत्रालय ने स्पष्ट किया बाइक टैक्सी संबंधित प्रवधान

नई दिल्ली। सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा बाइक टैक्सी की कानूनी स्थिति को स्पष्ट किया गया है। जिसमें ये बताया गया है कि मोटरसाइकिल, मोटर वाहन एक्ट 1988(Motor Vehicles Act 1988) के तहत कॉन्ट्रैक्ट कैरिज के अंतर्गत आती है। इस अधिनियम के अनुसार, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज एक विशिष्ट समझौते के तहत यात्रियों को किराये पर ले जाने […]

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Motor Vehicles Act 1988: सड़क परिवहन मंत्रालय ने स्पष्ट किया बाइक टैक्सी संबंधित प्रवधान

Nidhi Kushwaha

  • February 16, 2024 6:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्ली। सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा बाइक टैक्सी की कानूनी स्थिति को स्पष्ट किया गया है। जिसमें ये बताया गया है कि मोटरसाइकिल, मोटर वाहन एक्ट 1988(Motor Vehicles Act 1988) के तहत कॉन्ट्रैक्ट कैरिज के अंतर्गत आती है। इस अधिनियम के अनुसार, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज एक विशिष्ट समझौते के तहत यात्रियों को किराये पर ले जाने वाला एक वाहन है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा बाइक टैक्सी पर राज्यों को जारी किए गए एक परामर्श में ये कहा गया है कि कुछ राज्य और केंद्र शासित प्रदेश परमिट के लिए दाखिल अर्जियों पर कार्रवाई करते समय मोटरसाइकिल को कॉन्ट्रैक्ट कैरिज होने को लेकर विचार कर रहे हैं।

किस अधिनियम का हिस्सा है मोटरसाइकिल

रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री का कहना है कि यह स्पष्ट किया जाता है कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 2(28) के अनुरूप 25 सीसी से ज्यादा इंजन क्षमता वाले चार पहियों से छोटे वाहन भी मोटर वाहनों की कैटेगरी में आते हैं। इस लिहाज से मोटरसाइकिल भी अधिनियम की धारा 2(7) के तहत इसी दायरे में आएगी। कॉन्ट्रैक्ट कैरिज समझौते का मतलब किसी रूट पर या उसके बगैर उस वाहन को दूरी या समय के आधार पर एक निश्चित कीमत पर किराये पर लेना होता है।

पिछले साल लगी थी बाइक टैक्सी सर्विस पर रोक

ऐसे में मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ये सुझाव दिया गया है कि वे मोटर वाहन अधिनियम(Motor Vehicles Act 1988) के प्रावधानों के अनुरूप मोटरसाइकलों के लिए कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट के लिए आवेदन को स्वीकार करें और उन पर कार्रवाई भी करें। बता दें कि पिछले साल 2023 में दिल्ली में बाइक टैक्सी सर्विस पर रोक लगी थी, इस दौरान सिर्फ इलेक्ट्रिक टू- व्हीलर्स को बाइक टैक्सी के रूप में इस्तेमाल करने की छूट दी गई। दरअसल, काफी बड़ी संख्या में लोग प्राइवेट नंबर से बाइक और टैक्सी चला रहे थे और इन पर कार्रवाई करने के साथ ही एग्रीगेटर्स को भी निर्देश दिया गया था।

दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ देश के कई राज्यों में ओला, उबर और रैपिडो बाइक टैक्सी सर्विस में सक्रिय हैं। यही नहीं हर दिन लाखों लोग अपने दैनिक काम या ऑफिस जाने के लिए इनका उपयोग करते हैं।

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