नई दिल्ली: मारुति सुजुकी की तरफ से हाल(Maruti Suzuki Cars) में दो कारों ब्रेजा और फ्रॉन्क्स के क्रैश टेस्ट का वीडियो जारी किया गया है, लेकिन अभी तक इनकी क्रैश टेस्ट रिपोर्ट सामने नहीं आयी है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ये टेस्टिंग मारुति ने खुद की है। कंपनी के अनुसार, ग्राहकों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए मारुति खुद अपनी कारों को बहुत अच्छे से टेस्ट करती है।

खुद कारों का क्रैश टेस्ट करती है: मारुति

बता दें कि मारुति अपनी कारों का क्रैश टेस्ट अपनी खुद की टेस्ट फैसिलिटी में करती है और बड़ी ही बारीकी से अपनी गाड़ियों का परीक्षण भी करती है। वहीं क्रैश टेस्ट के समय कारों में डमी का यूज किया जाता है। इसके बाद कार के फ्रंट और साइड की मजबूती को चेक करने के लिए क्रैश टेस्ट को अंजाम दिया जाता है। कार के दोनों छोर को क्रम्पल जोन से जोड़ा जाता है, ताकि कार के केबिन में बैठी सवारी को ज्यादा से ज्यादा सेफ्टी दी जा सके।

कारों के इंटरनली 50 क्रैश टेस्ट होते हैं: मारुति

मारुति ऐसा दावा करती है कि कंपनी अपनी कार को बाजार में लाने से पहले इंटरनली उसके 50 क्रैश टेस्ट करती है। कार में मौजूद एयरबैग के अलावा सीटों को हुए नुकसान के साथ साथ, केबिन की कई अन्य चीजों का भी मूल्यांकन भी करती है। दरअसल, मारुति सुजुकी की पांच कारों को इसी तरह 2022-23 में ग्लोबल NCAP द्वारा नए प्रोटोकॉल के तहत क्रैश टेस्ट किया गया था, जिनमें वैगन आर, इग्निस, स्विफ्ट, ऑल्टो के10 और एस-प्रेसो कारें शामिल थीं।

ऐसा रहा गाड़ियों का स्कोर

अगर पांचों कारों में से ऑल्टो को छोड़ दें, जिसने एडल्ट सेफ्टी में 2 स्टार रेटिंग हासिल की थी। इसके बाकि चारों कारों को क्रैश टेस्ट में केवल 1 स्टार स्कोर के साथ संतोष करना पड़ा था। साथ ही मारुति ने खुलासा किया है, कि वह शुरुआत में न्यू भारत NCAP क्रैश टेस्ट के लिए कम से कम अपनी तीन कारों को भेजेगी। भारत न्यू कार असिस्मेंट प्रोग्राम को इसी साल MoRT मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया है। जिसका मकसद भारतीय बाजार में सुरक्षित कारों को बढ़ावा देने के साथ साथ, अपने ग्राहकों को भी सुरक्षित(Maruti Suzuki Cars) कार खरीदने के लिए प्रेरित करना है।

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