नई दिल्ली: राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) और सड़क परिवहन ने पिछले साल देश का अपना क्रैश टेश लॉन्च कर दिया था। जिसके लिए मारुति ने अपनी कारों को भेजने की घोषणा भी कर दी थी। वहीं अब मारुति ने इसमें भेजे जाने वाले उन तीन मॉडलों का खुलासा किया है, जिनका क्रैश टेस्ट होने वाला है। […]
नई दिल्ली: राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) और सड़क परिवहन ने पिछले साल देश का अपना क्रैश टेश लॉन्च कर दिया था। जिसके लिए मारुति ने अपनी कारों को भेजने की घोषणा भी कर दी थी। वहीं अब मारुति ने इसमें भेजे जाने वाले उन तीन मॉडलों का खुलासा किया है, जिनका क्रैश टेस्ट होने वाला है। मारुति को कॉफी समय से इंटरनेशनल क्रैश टेस्ट के लिए अपनी गाड़ियों को न भेजने(Maruti Suzki Cars for Bharat NCAP) के चलते, आलोचना का भी सामना करना पड़ा था।
जानकारी दे दें कि भारत एनकैप टेश के लिए जाने वाली मारुति की पहली तीन बलेनो, कारें ब्रेजा और ग्रैंड विटारा हैं। इस दौरान बलेनो पर ही बेस्ड क्रॉस ओवर फ्रॉन्क्स को सेफ्टी टेस्ट के लिए दूसरे बैच में भेजा जायेगा। ये मारुति कंपनी के वो मॉडल है, जिनकी मार्केट में कॉफी डिमांड है। इसके साथ ही ये हैचबैक और कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट को भी कवर करते हैं। इसी कारण इनका क्रैश टेस्ट में शामिल होना और भी जरूरी हो जाता है।
बता दें कि ग्लोबल सेफ्टी एनकैप के ऊपर ही, भारत एनकैप को तैयार किया गया है। यह भारत का अपना पहला न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम है। ये तीन स्तर(डल्ट सेफ्टी, चाइल्ड सेफ्टी और सेफ्टी फीचर) पर गाड़ियों की सेफ्टी मूल्यांकन करता है। इस टेस्ट का मकसद केवल घरेलू बाजार में बनने और बिकने वालीं गाड़ियों की ओवरऑल सुरक्षा में बढ़ोतरी करना है। वहीं भारत एनकैप स्वैच्छिक है, जिसके चलते कोई भी ऑटोमेकर अपने मन से इसमें अपनी कार का टेस्ट करवाने के लिए नामांकन करवा सकता है।
वहीं कुछ दिनों पहले ही भारत एनकैप द्वारा टाटा मोटर्स(Maruti Suzki Cars for Bharat NCAP) की दो कारों, जो कि हैरियर और सफारी को क्रैश टेस्ट किया चुका है और इसमें दोनों गाड़ियां 5 स्टार स्कोर करने में सफल रहीं।
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