नई दिल्ली: आपकी कार हमेशा सही तरीके से काम करे और सड़क पर कोई परेशानी न हो, इसके लिए समय पर सर्विसिंग करवाना बहुत जरूरी है। कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि कार कम चलने पर कितनी बार और ज्यादा चलने पर कितनी बार सर्विसिंग करवानी चाहिए। नई और पुरानी कार […]
नई दिल्ली: आपकी कार हमेशा सही तरीके से काम करे और सड़क पर कोई परेशानी न हो, इसके लिए समय पर सर्विसिंग करवाना बहुत जरूरी है। कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि कार कम चलने पर कितनी बार और ज्यादा चलने पर कितनी बार सर्विसिंग करवानी चाहिए।
नई कार की सर्विसिंग: नई कार के साथ एक लॉग-बुक मिलती है, जिसमें सर्विसिंग की जानकारी होती है। आमतौर पर, नई कार की पहली सर्विसिंग 1000 किलोमीटर पर होती है। इसके बाद, आपको लॉग-बुक के अनुसार नियमित सर्विसिंग करवानी चाहिए।
पुरानी कार की सर्विसिंग: अगर आपकी कार पुरानी हो गई है और आपके पास लॉग-बुक नहीं है, तो ध्यान दें:
कम चलने वाली कार: अगर आप साल में 10,000 किलोमीटर से कम ड्राइव करते हैं, तो हर साल एक बार सर्विसिंग करवानी चाहिए। इससे कार सही स्थिति में रहती है और इसके पार्ट्स ठीक से काम करते हैं।
ज्यादा चलने वाली कार: अगर आप साल में 10,000 किलोमीटर या उससे अधिक चलाते हैं, तो हर 10,000 किलोमीटर पर कार की सर्विसिंग करवानी चाहिए। इससे इंजन, ब्रेक सिस्टम, और अन्य पार्ट्स सही रहते हैं और कार की लाइफ बढ़ती है।
1. ड्राइविंग एक्सपीरियंस पर असर: इंजन और ब्रेक सिस्टम सही से काम नहीं करेंगे, जिससे ड्राइविंग में दिक्कत हो सकती है।
2. ईंधन की खपत बढ़ना: इंजन ऑयल समय पर नहीं बदला गया तो ईंधन की खपत बढ़ सकती है।
3. टेक्निकल समस्याएं: समय पर सर्विसिंग न करने से इंजन खराब हो सकता है या ब्रेक सिस्टम फेल हो सकता है।
4. ब्रेक ऑयल की जांच: ब्रेक ऑयल समय-समय पर चेक करवाना जरूरी है, ताकि ब्रेकिंग सिस्टम सही रहे।
इन सभी कारणों से, कार की नियमित सर्विसिंग बहुत जरूरी है। इससे कार की स्थिति सही रहती है और ड्राइविंग सुरक्षित और आरामदायक होती है।
ये भी पढ़ें: Eblu Feo X का नया ई-स्कूटर लॉन्च, लेना चाहिए या नहीं!