नई दिल्ली। भारत के लगभग सभी राज्यों में HSRP को अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि आखिर HSRP (High-Security Registration Plates ) क्या है? दरअसल, HSRP को वाहनों की सुरक्षा बढ़ाने, उन्हें चोरी होने से बचाने और दुरुपयोग के प्रति अधिक प्रतिरोधी बनाने के लिए डिजाइन किया […]
नई दिल्ली। भारत के लगभग सभी राज्यों में HSRP को अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि आखिर HSRP (High-Security Registration Plates ) क्या है? दरअसल, HSRP को वाहनों की सुरक्षा बढ़ाने, उन्हें चोरी होने से बचाने और दुरुपयोग के प्रति अधिक प्रतिरोधी बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। ये प्लेट्स एल्युमीनियम से निर्मित होती हैं, जिन्हें कम से कम दो नॉन रीयूजेबल लॉक की मदद से वाहनों से चिपकाया जाता है, जिससे उन्हें हटाना या उनके साथ छेड़छाड़ करना बेहद मुश्किल है। आइए जानते हैं कि HSRP (High-Security Registration Plates) कितनी महत्वपूर्ण है?
बता दें कि एचएसआरपी की सबसे बड़ी खासियत है इसका यूनिक लेजर-ब्रांडेड परमानेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर। इसके आलावा इसमें अशोक चक्र का एक नीले रंग का क्रोमियम-आधारित होलोग्राम और पंजीकरण संख्याओं पर एक हॉट-स्टैम्प्ड फिल्म होती है।
HSRP में परिवर्तन की सुविधा के मद्देनजर, परिवहन विभाग द्वारा वाहन मालिकों के लिए एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया की शुरूआत की गई है। जिसे मालिकों को अपने एचएसआरपी ऑर्डर करने, लगाने के लिए डीलर स्थानों का चयन करने और सुविधाजनक इंस्टॉलेशन डेट और टाइम निर्धारित करने के लिए एक एकीकृत वेब पोर्टल www.siam.in भी बनाया गया है। ये प्लेट आवेदन करने के 15 से 20 दिन के अंदर तैयार हो जाती है, जिसे संबंधित डीलर से लगवाया जा सकता है।
इसे लेकर परिवहन विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 1 अप्रैल 2019 से पहले पंजीकृत हुए वाहनों को अपनी पुरानी पंजीकरण प्लेट को नए HSRP के साथ बदलना आवश्यक है। ऐसा न करने पर 500 से 1,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
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