नई दिल्ली: Hyundai Creta SUV: भारतीय कार बाजार में SUV सेगमेंट ने हैचबैक और छोटी गाड़ियों जैसी कारों का बाजार खराब कर दिया है। आंकड़ों की मानें तो भारत में बिकने वाली हर दूसरी कार SUV होती है। सबकॉन्पैक्ट SUV सेगमेंट के साथ कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट भी तेजी से बढ़ रहा है। खास बात यह है कि इस सेगमेंट में हुंडई की इकलौती कार सबसे आगे है। आइए सबसे ज्यादा बिकने वाली कॉम्पैक्ट एसयूवी की लिस्ट पर नज़र डालते हैं।
Hyundai Creta (हुंडई क्रेटा) लंबे समय से देश में सबसे ज्यादा बिकने वाली कॉम्पैक्ट SUV रही है। आपको बता दें, यह कंपनी की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार भी है। जनवरी में Hyundai Creta की 15,037 यूनिट्स की बिक्री हुई। यह जनवरी 2022 में बेची गई 9,869 कारों से 52% अधिक है। भारत में हुंडई क्रेटा की कीमत 10.64 लाख रुपये से शुरू होकर 18.68 लाख रुपये तक जाती है। खास बात यह है कि यह पेट्रोल और डीजल दोनों इंजन के साथ उपलब्ध है।
आपको बता दें, हमेशा की तरह क्रेटा के ठीक नीचे Kia Seltos (किआ सेल्टोस) एसयूवी है, जिसके जनवरी 2023 में 10,470 यूनिट्स की बिक्री हुई थी। हालाँकि, जनवरी 2022 में Seltos की बिक्री लगभग 8% कम रही क्योंकि इसकी 11,483 इकाइयाँ बिकीं।
Maruti Grand Vitara (मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा) ने 2022 के आखिरी महीनों में बाजार में प्रवेश किया और बहुत जल्दी टॉप 5 में भी अपनी जगह हासिल की। पिछले महीने इसकी बिक्री 8,662 इकाइयों की रही, जो दिसंबर में बेची गई 6,171 इकाइयों की तुलना में 40.37% की वृद्धि को दर्शाती है।
ऑटो एक्सपो के दौरान कई तरह की कारों को प्रदर्शित और लॉन्च भी किया गया लेकिन छोटी कारों या कहें 5 लाख तक की कारों का कहीं ज़िक्र नहीं हुआ। इसके पीछे मुख्य कारण महंगाई को माना जा रहा है। जो व्यक्ति पहले टू व्हीलर खरीदने का सपना देखता था और वह अब खुद को महंगाई के बोझ तले पाता है और उसकी बाइंग कैपेसिटी समाप्त हो जाती है। कारोबारी भी इसे अपना रहे हैं और उनका पूरा ध्यान केवल महँगी गाड़ियों पर है। इसका सीधा सा उदाहरण मारुति की सेल को देखकर देखा जा सकता है। अगर दिसंबर 2021 की सेल से तुलना करें तो 2022 में 40 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी।
भारतीय बाजार में इन दिनों SUV सेगमेंट की सबसे ज्यादा डिमांड है। इसके बाद लोग सेडान को ज्यादा पसंद करते हैं। इसका कारण आराम और बढ़ी हुई बैठने की क्षमता है। इसे ध्यान में रखते हुए वाहन निर्माताओं का फोकस भी इन्हीं दो सेगमेंट पर है। इसके बाद कंपनियों का पूरा फोकस सेडान पर है क्योंकि युवाओं और शहर में घूमने वालों की पहली पसंद सेडान ही होती है।
अब अगर प्रोडक्शन की बात करें तो इसकी लागत लगातार बढ़ती जा रही है। एयरबैग और प्रदूषण नियम जैसे नियम कार की कीमत में इजाफा करते हैं। ऐसे में छोटी कार बनाना और फिर उसे बजट में बेचना मुश्किल होता है। इसलिए कार निर्माता केवल उन्हीं कारों पर ध्यान देते हैं, जिनके खरीददार को कुछ रुपये जमा करने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।
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